Tejas Mk-2 फाइटर जेट एक साल में हो जाएगा तैयार, चार साल में सेना में शामिल, जानिए ख़ासियत
Tejas Mk-2: भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने कहा कि भारत में बहुत जल्द GE इंजन बनाए जाएंगे। अमेरिका ने इसके लिए सभी अनुमति दी है। भारत के अगले हल्के लड़ाकू विमान तेजस-मार्क 2, या LCA Tejas Mark 2, के इंजन बनाए जाएंगे।
Tejas Mk-2: कैसे करेगा काम
इस फाइटर जेट का पहला प्रोटोटाइप इंजन बनने के साथ ही एक साल में बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद चार साल में इसे भारतीय वायुसेना में भी शामिल किया जा सकता है।
तेजस मार्क 2 में एक कॉकपिट होगा जो नाइट विजन चश्मे से जुड़ा होगा। यानी इस फाइटर जेट से दुश्मन लक्ष्य पर रात के समय या अंधेरे में भी हमला किया जा सकता है। इसमें HOTAS (हैंड्स ऑन थ्रॉटल-एंड-स्टिक) प्रणाली होगी, यानी फाइटर जेट को नियंत्रित करने वाले लीवर से हथियार भी चलेंगे। इसके दौरान दस स्क्वॉड्रन बनाए जाएंगे। ताकि जगुआर, मिराज-2000 और मिग-29 फाइटर जेट्स के पुराने फ्लीट को समाप्त कर दिया जाए।
ख़ासियत
दो या तीन पायलट इस फाइटर जेट को उड़ाएंगे। 48.1 फीट लंबे फाइटर जेट की ऊंचाई 16 फीट होगी। 27.11 फीट विंगस्पैन होगा। यह 17,500 किलोग्राम वजन से टेकऑफ कर सकता है। इसमें GE-F414 इंजन लगेगा, जिसकी वजह से इसे 98 किलोन्यूटन की ताकत मिलेगी।
यह 2223 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ेगा। इसकी रेंज लगभग 2500 किलोमीटर होगी। 56.758 फीट की ऊंचाई पर अधकितम उड़ान भर सकेगा। इस फाइटर जेट में 30 मिलिमीटर की GSh-30-1 गन लगी होगी। यह गन प्रति मिनट 1500 से 1800 गोलियां दाग सकती है। जिसका व्यास 200 से 1800 मीटर होगा।
Tejas Mark 2 बनने के फायदे
इस फाइटर जेट पर 13 हार्डप्वाइंट्स होंगे। यानी 13 विभिन्न तरह के हथियार लगा सकते हैं। इसमें विभिन्न हवा से मार करने वाली मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। MICA, ASRAAM, Meteor, Astra और NG-CCM के उदाहरण हैं। इनकी तैनाती लगभग तय हो गई है।
साथ ही हवा से सतह पर मार करने वाली चार मिसाइलें भी लगाई जाएंगी। जिनमें क्रिस्टल मेज, स्टॉर्म शैडो, ब्रम्होस-एनजी ALCM और LRLACM शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, इसमें एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम 1/2/3 लगाने की भी योजना है। इसके अलावा, इसमें चार प्रेसिशन गाइडेड बम लगाए जाएंगे: लेजर गाइडेड बम, क्लस्टर म्यूनिशन, लॉयटरिंग म्यूनिशन CATS ALPHA और अनगाइडेड बम।