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क्रूज ड्ग्स मामले में चार नए आरोपियों की रिमांड बढ़ी, 14 अक्टूबर तक एनसीबी को मिली हिरासत

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मुंबई: मुंबई की एक अदालत में दोपहर 2.45 बजे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा क्रूज ड्रग शिप मामले में 4 सह-आरोपियों की हिरासत की याचिका पर सुनवाई शुरु हुई, जिसमें बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान मुख्य आरोपी हैं।

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बता दें क्रूज ड्ग्स मामले में चार नए आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है, जिनका नाम गोपाल आनंद, समीर सहगल, मानव सिंघल और भास्कर अरोड़ा हैं। वे क्रूज पर कार्यक्रम के आयोजक थे।  

आरोपी की ओर से एडवोकेट हर्ष गंगुर्दे और एडवोकेट सजल यादव पेश हुए। वहीं एनसीबी की ओर से विशेष लोक अभियोजक वकील सेठना पेश हुई।

एनसीबी की ओर से पेश हुए अद्वैत सेठना

एनसीबी की ओर से पेश होते हुए सेठना ने कहा, “ये 4 लोग इस मामले में बेहद अहम हैं। चूंकि ये चार लोग आयोजक हैं, जिसके कारण क्रूज पर कार्यक्रम हुआ। दो लोग इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के निदेशक हैं और जबकि बाकि के दो वे लोग हैं जो जहाज पर हुई घटना में सीधे तौर पर शामिल थे। हमने एनडीपीएस अधिनियम के 25 और 27ए को लागू किया।

जांच में पता चला है कि ये सभी लोग क्रूज पर आयोजन के लिए अभिन्न हैं। यह कार्यक्रम बोर्डिंग से पहले और बोर्डिंग के बाद हुआ। ये लोग पहले गिरफ्तार किए गए लोगों की भूमिका का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

एडवोकेट सेठना ने आगे कहा, आरोपी जहाज पर कैसे चढ़ा, इस पर बहस चल रही है। बोर्डिंग पास दिए गए थे या नहीं, यह इन आरोपियों से साफ होगा। पहले से गिरफ्तार किए गए लोगों के साथ सांठगांठ का पता लगाने के लिए विस्तृत हिरासत में पूछताछ आवश्यक है। अद्वैत सेठना ने कस्टडी को लेकर कहा कि शिपिंग अधिकारियों के पास डीजी शिपिंग से उचित लाइसेंस नहीं था। मैं 14 अक्टूबर, 2021 तक हिरासत का अनुरोध कर रहा हूं।

आरोपी का पक्ष

सेठना के बाद एडवोकेट गंगुरदे ने कोर्ट से कहा, आरोपी को 4 अक्टूबर को हिरासत में लिया गया था, और फिर 5 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया और फिर पेश किया गया। मैं सिर्फ अवैध हिरासत पर प्रस्तुत करने जा रहा हूं और मैं एनडीपीएस की धाराओं में नहीं जा रहा हूं। आरोपी नजरबंदी और गिरफ्तारी हमारे मौलिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है। यह रिमांड अवैध है और आरोपी रिहा होने के हकदार हैं। इसके अलावा आरोपी आयोजक नहीं, बल्कि ठेकेदार हैं।

कोर्ट का फैसला

जिरह के बाद कोर्ट ने फैसले में कहा, आरोपियों को दोपहर 1.45 बजे पेश किया गया और क्योंकि अदालत व्यस्त थी इसलिए अदालत ने उन्हें दोपहर 2.45 बजे पेश करने के निर्देश दिए। दोपहर साढ़े तीन बजे आरोपियों को पेश किया गया। एनसीबी ने आरोपी की हिरासत की मांग की रिमांड रिपोर्ट, केस डायरी का अवलोकन किया।

अदालत ने अपने आदेश में आगे लिखा, आरोपी की गिरफ्तारी कानून के अनुसार न्यायोचित नहीं होने के दावे पर, एनसीबी ने तर्क दिया कि आरोपी उस क्रूज के अभिन्न अंग थे। जिस पर से प्रतिबंधित सामग्री जब्त की गई थी।

कोर्ट ने एडवोकेट गंगुरदे के तर्क का हवाला देते हुए कहा कि 4 अक्टूबर को सुबह 7 बजे जब आरोपी क्रूज पर सवार थे, तब उन्होंने आरोपियों को अपने नियंत्रण में ले लिया। पूछताछ के बाद आरोपियों को 12.30 बजे पेश किया गया और उनकी इच्छा के विरुद्ध गिरफ्तार कर लिया गया और उनकी गिरफ्तारी 5 अक्टूबर को शाम 5.30 बजे दिखाई गई और आज पेश की गई।

कोर्ट ने कहा आदेश के मुख्य बिदुंओ में कहा, अदालत ने अभियुक्तों की प्रस्तुतियों और रिमांड रिपोर्ट का अध्ययन किया है, जिसमें बताया गया है कि सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था, यदि इस तथ्य पर विचार किया जाता है तो ऐसा प्रतीत होता है कि सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया और 3.30 बजे अदालत में पेश किया गया। इसलिए, आरोपी की दलीलें उपयोगी नहीं हैं क्योंकि यह गिरफ्तारी ज्ञापन के विपरीत है।

अवैध गिरफ्तारी तर्क को खारिज करने की आवश्यकता है। एनसीबी की हिरासत और आरोपों की प्रकृति, हिरासत पूछताछ और जांच के लिए आवश्यक है कि आरोपी निर्दोष है या नहीं, इसलिए आरोपी की रिमांड 14 अक्टूबर तक बढ़ाई जाती है।

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