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न्याय देना सिर्फ राज्य का काम नहीं है : सीजेआई चंद्रचूड़

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New Delhi: सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने महिला सशक्तिकरण पर बात की है। सीजेआई ने कहा कि किसी देश का मूल्य उस देश की महिलाओं की स्थिति से निर्धारित होती है। साथ ही उन्होंने कहा कि न्याय देना सिर्फ राज्य का काम नहीं है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि महिलाओं को महत्व देना असल में पुरुषों का मामला है। नागरिकों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए दूरदर्शी नीतियों और फैसलों की जरुरत है। जिससे सामाजिक कल्याण का लाभ वास्तव में उन तक पहुंच सके।

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भारत में अच्छे कानून हैं

सीजेआई चंद्रचू़ड़ ने कहा कि भारत में अच्छे कानून हैं। जिन्हें अच्छे भरोसे के साथ लागू किया जा सकता है। ड़ी वाई चन्द्रचूड़ राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें आंदोलन में आगे बढ़ने से पहले अपनी मानसिकता बदलने की आवश्यकता है। एनसीडब्ल्यू और एनएएलएसए के कार्यों को जनता तक पहुंचाना है। न्याय देना सिर्फ राज्य का काम नहीं है। यह एक सेवा है। जो हम अपने नागरिकों को दे सकते हैं। नई-नई तकनीक नई-नई सुविधाएं लेकर आ रही हैं।

तकनीक पारदर्शिता प्रदान करती है

मुख्य न्यायाधीश ने तकनीक को विस्तार से समझाते हुए कहा कि तकनीक पारदर्शिता प्रदान करती है। इससे रिकॉर्ड की प्राप्ती होती है। अगर सही से इसका इस्तेमाल किया जाता है तो यह समाज, जाति, वर्ग, लिंग सहित अन्य विविधताओं से अनजान नहीं रह सकती। सीजेआई चन्द्रचूड़ ने कहा कि हमें एक बात ध्यान रखना चाहिए कि शैतान हमेशा अच्छे प्रिंट में ही होता है। हमारी योजनाओं और नीतियों का मकसद केवल यह न हो कि वह दूरदर्शी हों बल्कि हमारा मकसद होना चाहिए कि वह समाज के हर आदमी तक पहुंचे। मुख्य न्यायाधीश ने उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे पास कई विचाराधीन कैदी आते हैं, जो कहते हैं कि हमें जमानत मिल गई है। किंतु, बावजूद इसके हमें रिहा नहीं किया जा रहा है।

कौन-कौन उपस्थित थे?

कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और एनएएलएसए के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, शीर्ष अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी उपस्थित थे।

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