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वक्फ कानून समाप्त करने के लिए निजी बिल चर्चा के लिए स्वीकार, विपक्षी दलों ने किया विरोध

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New Delhi : वक्फ एक्ट 1995 को खत्म करने के लिए बीजेपी के राज्यसभा सदस्य “हरनाथ सिंह यादव” की तरफ से पेश किए गए एक निजी विधेयक पर विपक्षी सदस्यों ने काफी शोर-शराबा किया। आखिरकार मतदान के बाद इसे चर्चा के लिए स्वीकार कर लिया गया। इस पर आगे चर्चा होगी।

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विपक्षी दलों ने किया विरोध

हरनाथ यादव ने इस बिल को पेश करते हुए कहा कि वक्फ एक्ट 1995 लोकतंत्र के प्रतिकूल है, और यह देश की तमाम विधि व्यवस्थाओं के अनुरूप नहीं है। इसलिए, देश हित में इसे समाप्त किया जाना चाहिए। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों माकपा, भाकपा, एनसीपी, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस और राजद के सदस्यों ने इसका विरोध करते हुए भाजपा पर ध्रुवीकरण तथा सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया।

जयराम रमेश ने वोटिंग की मांग की

कांग्रेस पार्टी के सांसद जयराम रमेश ने इस पर तत्काल वोटिंग की मांग की। लेकिन, सभापति जगदीप धनखड़ नियमों का हवाला देकर बिल का विरोध करने वाले सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका दिया। इसके बाद बिल पर हुए मतविभाजन में परिणाम बिल के समर्थन के रूप में सामने आया।

यह मछली बाजार नहीं है

बिल को स्वीकार करने के पक्ष में 53 और विरोध में 32 मत पड़े। इस दौरान धनखड़ और जयराम रमेश के बीच नोंकझोंक भी हुई। सभापति ने जयराम से कहा कि यह मछली बाजार नहीं है। वह चाहें तो सदन के संचालन के लिए उनकी सीट ले सकते हैं।

इस पर आगे चर्चा होगी

वक्फ एक्ट 1995 को खत्म करने के लिए बीजेपी के राज्यसभा सदस्य “हरनाथ सिंह यादव” की तरफ से पेश किए गए एक निजी विधेयक पर विपक्षी सदस्यों ने काफी शोर-शराबा किया। आखिरकार मतदान के बाद इसे चर्चा के लिए स्वीकार कर लिया गया। इस पर आगे चर्चा होगी।

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