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पीएम मोदी ने गिनाईं पुराने संसद भवन में हुई कार्यवाही की उपलब्धियां, कहा पुराना संसद…

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने भाषण में पुरानी संसद के संसदीय इतिहास के कई महत्वपूर्ण पलों को याद किया। उन्होंने कहा कि उसी सदन में अमेरिका के साथ हुए महत्वपूर्ण परमाणु समझौते पर भी बहस और निर्णय किए गए थे। उस सदन में ही अनुच्छेद 370 को हटाने, वन पेंशन-वन टैक्स का प्रस्तावना, जीएसटी का अधिनियम लागू करने और गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षित सीटों का फैसला भी लिया गया था।

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पीएम मोदी ने सदन के महत्व को बताते हुए कहा कि यहां देश के लोकतंत्र की ताकत है और यहां के सदस्य देश के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसी सदन में एक समय चार सांसदों वाली पार्टी सरकार में थी और अन्य समय 100 सांसदों वाली पार्टी विपक्ष में थी। इसी सदन में वन वोट से सरकार का गिरने का भी इतिहास रहा है। पीएम ने उदाहरण के रूप में 1991 में नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री बनने की घटना भी याद की, जब वे अगले पांच साल के लिए चुने गए थे। 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने तीन राज्यों का गठन किया था। इसी सदन ने कैंटीन में सब्सिडी को खत्म करने का भी फैसला लिया था और कोरोना संकट के समय सांसद फंड का पैसा जनहित में देने का भी आलोचनात्मक निर्णय लिया गया था।

पंडित जवाहरलाल नेहरू की महत्वपूर्ण भूमिका

पीएम मोदी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू की पहली सरकार की सराहना भी की और उन्होंने बताया कि नेहरू के कार्यकाल में सामाजिक समानता की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए थे। वे यह भी बोले कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जब मंत्री थे तो उन्होंने भी इसी सदन से सुझाव लिए थे कि औद्योगिकीकरण द्वारा सामाजिक समानता को बढ़ावा दिया जा सकता है। इसी सदन के कई महत्वपूर्ण एतिहासीक घटनाओं को याद करते हुए उन्होंने कहा है कि  जैसे लाल बहादुर शास्त्री के प्रधानमंत्री बनने के समय की घटनाएं, बांग्लादेश की मुक्ति संग्राम और इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाले फैसले सदन के सदस्यों के समर्थन से हुए थे। इसी सदन की भूमिका थी जब देश के लोकतंत्र पर आपातकाल का प्रयास भी किया गया था  और यही सदन ने आपातकाल के दौरान मतदान की उम्र को 21 से 18 साल करने का भी निर्णय लिया था।

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