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शेयर बाजार में भी लगा है महादेव ऐप वालों का मोटा पैसा, ऑनलाइन सट्टे से हर माह कमाए 8-8 सौ करोड़

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नई दिल्ली: महादेव सट्टा स्कैम (Mahadev Satta Scam) अभी चर्चा में है। इस मामले में लगातार छापेमारियां (Raids) की जा रही हैं और हर कार्रवाई में चौंकाने वाले खुलासे होते जा रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने अब प्रोसेक्यूशन कंप्लेन (Prosecution Complaint) फाइल किया है। चार्ज शीट (Charge Sheet) के समतुल्य माने जाने वाले प्रोसेक्यूशन कंप्लेन में ईडी (ED) का दावा है कि महादेव ऐप (Mahadev App) को चलाने वालों ने ऑनलाइन सट्टे के जरिए हर माह 8-8 सौ करोड़ रुपये की कमाई की है।

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हर पैनल से लगभग 30 से 40 लाख कमाई

ED का कहना है कि अभी तक हुई जांच के आधार पर महादेव सट्टा ऐप से की जाने वाली कमाई का अंदाजा लगा है। शुरुआती जाँच के अनुसार महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर हर माह एक-एक पैनल से 30-40 लाख रुपये की कमाई कर रहे थे। अभी जितने एक्टिव पैनलों की जानकारी मिल पाई है, उनकी संख्या 2000 से भी अधिक है। इस तरह देखें तो हर माह सट्टे के जाल से महादेव ऐप के प्रमोटर 600 से 800 करोड़ रुपये की कमाई कर रहे थे।

5000 करोड़ रुपये से अधिक का स्कैम

ED ने अभी अनुमान लगाया है कि महादेव सट्टा ऐप के स्कैम का यह पूरा मामला 5000 करोड़ रुपये से अधिक का है। इस मामले में सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को प्रमुख आरोपी बनाया गया है। यही दोनों महादेव सट्टा नेटवर्क के प्रमोटर हैं। और पूरे सट्टा स्कैम के मुख्य लाभार्थी भी यही दोनों हैं। दोनों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट हो चुके हैं। हालांकि, अभी तक दोनों जांच एजेंसियों की पकड़ से बाहर हैं। इस वजह से अब उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस निकलवाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए ED ने CBI को रिक्वेस्ट किया है, जो रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाने के लिए इंटरपोल से संपर्क करने के लिए अधिकृत है।

क्या है सट्टा स्कैम का मोडस ओपेरांडी?

इस पूरे स्कैम के बारे में जानने के लिए सबसे जरूरी है मोडस ओपेरांडी को जानना, यानी किस तरीके से इतने बड़े पैमाने पर स्कैम को अंजाम दिया गया? ईडी का मानना है कि चंद्राकर और उप्पल फ्रेंचाइजी मॉडल के आधार पर सट्टे के नेटवर्क को संचालित कर रहे थे। इस पूरे नेटवर्क को चलाने में उन्हें कई सहयोगियों का साथ भी मिल रहा था।

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