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क्या भारत बिजली संकट की कगार पर खड़ा है?

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नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली जल्द ही बिजली संकट की चपेट में आ सकती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आने वाले बिजली संकट को लेकर चिंता जाहिर की है।

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राजधानी में बिजली संकट

केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा, दिल्ली को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। मैं खुद भी स्थिति पर नज़र बनाए हुए हूं। हम इससे बचाव की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच, मैने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की अपील की है।

कोयले की भारी कमी

समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक कोयले की कमी के कारण कई प्रांतों में बिजली कट रही है। और उत्तर भारत के कई जगहों पर अभूतपूर्व बिजली संकट आ सकता है।

हालांकि सरकार लगातार भरोसा दे रही है कि किसी प्रकार के बिजली संकट से देश को जूझना नहीं पड़ेगा क्योंकि देश के पास पर्याप्त बिजली है।

चीन में भी बिजली की किल्लत

इससे पहले पड़ोसी देश चीन भी बिजली कटौती का सामना कर रहा है। पिछले कई दिनों से कोयले की कमी के कारण चीन में लगातार बिजली काटी जा रही है। जिसके कारण कई फैक्ट्रियां भी बंद पड़ी हैं। बिजली संकट के कारण स्कूलों को बंद कर दिया गया है। लेकिन अब भारत के सामने भी ये संकट मंडराने लगा है, क्योंकि दुनिया में चीन के बाद भारत में ही सबसे ज्यादा कोयले की खपत होती है।

भारत में 70 फ़ीसदी बिजली की आपूर्ति कोयले से ही होती है और देश के 135 कोयला संचालित पॉवर प्लांट में से अब आधे से अधिक प्लांट में तीन दिन से कम का ही कोयला बचा है।

भारत सरकार के बिजली ग्रिड नियामक पोसोको के डाटा के विश्लेषण से मालूम होता है कि जितनी बिजली भारत में पूरे साल काटी गई थी उसकी 11.2 प्रतिशत सिर्फ़ अक्तूबर के पहले सप्ताह में ही काटी जा चुकी है।

ये डाटा सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है। इसके विश्लेषण से पता चलता है कि भारत में बिजली संकट कितना गंभीर हो सकता है।

पिछले साल के मुकाबले अक्तूबर के पहले हफ्ते में भारत में बिजली की कमी 21 गुणा से अधिक है जबकि इसी समय की तुलना में 2019 के मुकाबले ये आंकड़ा चार गुणा ज्यादा है।

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