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समुद्री विवादों को शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार निपटाने के लिए भारत ने किया आह्वान

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने बताया है कि समुद्र हमारी साझा विरासत का हिस्‍सा है और समुद्री मार्ग अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार (international trade) की जीवन रेखा हैं। साथ ही पीएम मोदी (PM Modi) ने बताया है “कि पृथ्‍वी के भविष्‍य के लिए सागर बहुत महत्‍वपूर्ण हैं। हमें रिसपॉन्सिबल मेरिटाइम कनेक्टिविटी को प्रोत्‍साहन देना चाहिए। यह तो स्‍पष्‍ट है कि समुद्री व्‍यापार को बढ़ाने के लिए इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर का निर्माण आवश्‍यक है, लेकिन ऐसे इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्‍ट्स के डेवलेपमेंट में देशों की फिसकल सस्‍टेनेबिलिटी और एब्‍जॉर्प्‍शन कैपेसिटी उसको भी ध्‍यान में रखना होगा। इसके लिए हमें उचित वैश्विक नॉर्म्‍स और स्‍टैन्‍डर्ड्स बनाने चाहिए।”

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मालूम हो कि प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंस (video conference) के माध्‍यम से संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (united nations security council) में एक खुली चर्चा की अध्‍यक्षता करते हुए बताया है कि इस साझा विरासत को आज कई चुनौतियों का सामना करना पड रहा है क्‍योंकि समुद्री मार्गों (sea ​​routes) का इस्‍तेमाल डकैती (Robbery) और इसके अलावा आतंकवाद (terrorism) के लिए भी किया जा रहा है। समुद्री सीमा (maritime border) को लेकर कई देशों में विवाद भी चल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया है कि जलवायु परिवर्तन (Climate change) और प्राकृतिक आपदाओं (natural disasters) का संबंध भी समुद्री क्षेत्र से है।

समुद्री विवादों का शांतिपूर्ण तरीके से निपटारा

जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार सुलझाया जाना चाहिए। इसके बाद पीएम मोदी ने बताया है कि विश्‍व शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने का यह एकमात्र उपाय है। पीएम मोदी ने कहा कि अराजक तत्वों द्वारा उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं और समुद्री खतरों का सभी देशों को मिलकर सामना करना चाहिए। जिसके बाद पीएम मोदी ने बताया है कि भारत ने इस संबंध में क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस खुली चर्चा का विषय था- समुद्री सुरक्षा बढ़ाना-अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए महत्वपूर्ण। भारत के प्रधान मंत्री ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली चर्चा की अध्यक्षता की हैं।

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