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‘भारतीय भाषाएं हमारी सांस्कृतिक धरोहर..’, हिन्दी दिवस के मौके पर गृह मंत्री अमित शाह का संबोधन

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हिन्दी दिवस के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “हिन्दी भाषा ने स्वतंत्रता आंदोलन में देश को एकसूत्र में बांधने का अभूतपूर्व काम किया है। इसने अनेक भाषाओं और बोलियों में बंटे देश में एकता की भावना स्थापित की है।”

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हिन्दी एक जनतांत्रिक भाषा

अमित शाह ने आगे कहा कि “भारत सालों से विविध भाषाओं का देश रहा है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की भाषाओं की विविधिता को एकता के सूत्र में पिरोने का नाम हिन्दी है। हिन्दी एक जनतांत्रिक भाषा रही है। इसने अलग-अलग भारतीय भाषाओं और बोलियों के साथ कई वैश्विक भाषाओं को सम्मान देने का काम किया है।”

14 सिंतबर 1949 को हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकारा

उन्होंने कहा कि “देश में स्वराज प्राप्ती और स्वभाषा के आंदोलन के एक साथ चल रहे थे। स्वतंत्रता आंदोलन और स्वतंत्रता प्राप्ती के बाद हिन्दी की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए संविधान निर्माताओं ने 14 सिंतबर 1949 के दिन हिन्दी को देश की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। किसी भी देश की मौलिक और सृजनात्मक अभिव्यक्ति सही मायनों में सिर्फ उस देश की अपनी भाषाओं में ही की जा सकती है।”

भारतीय भाषाएं और बोलियां सांस्कृतिक धरोहर

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “हमारी सभी भारतीय भाषाएं और बोलियां हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं जिसे हमें एक साथ लेकर चलना है। हिन्दी की किसी भी भारतीय भाषा से ना कभी स्पर्धा थी और ना कभी हो सकती है। हमारी सभी भाषाओं को सशक्त करने से ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण होगा। मुझे विश्वास है कि हिन्दी सभी स्थानीय भाषाओं को सशक्त बनाने का काम करेगी।”

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