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विकासशील देशों ने जलवायु समस्या में योगदान नहीं दिया लेकिन समाधान में शामिल : पीएम मोदी

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Dubai : पीएम मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) और भारत के बीच जलवायु-परिर्वतन कार्रवाइयों में बेहतर साझेदारी की उम्मीद जतायी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आशावादी है कि यूएई द्वारा आयोजित COP-28 प्रभावी जलवायु-कार्रवाई में नई गति लाएगा। भारत और यूएई भागीदार के रूप में खड़े हैं। हम जलवायु कार्रवाई पर वैश्विक चर्चा को प्रभावित करने के अपने संयुक्त कोशिशों में दृढ़ हैं।

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पीएम मोदी ने क्या कहा?

पीएम ने कहा कि यह पहचानना आवश्यक है कि विकासशील देशों ने समस्या के निर्माण में योगदान नहीं दिया है। फिर भी, विकासशील देश इसके समाधान के लिए हिस्सेदार बनने के इच्छुक हैं। वे आवश्यक वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी तक पहुंच के बिना योगदान नहीं कर सकते। इसलिए, मैंने अपेक्षित जलवायु-वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक सहयोग की पुरजोर वकालत की है।

शिखर सम्मेलन में किए गये वादे पूरे नहीं हुए

इस सम्मेलन का उद्देश्य कॉर्बन उत्सर्जन को कम करने और मौसम संबंधी घटनाओं से निपटने में विकासशील देशों का समर्थन करने पर केंद्रित होगा। इस वैश्विक आयोजन से पहले आर्थिक सहयोग और विकास संगठन ने एक नई रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसमें कहा गया है कि बीते सालों में हुए इन शिखर सम्मेलन में किए गये वादे पूरे नहीं हुए हैं।

COP का मतलब है कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज

इसमें सबसे अहम वादा यह कि सभी विकसित देश पर्यावरण को बचाने के लिए सभी विकासशील देशों को $100 बिलियन डॉलर देने पर सहमति बनी थी, जो पूरा नहीं हुआ। विकसित देशों ने विकासशील देशों को देने के लिए सिर्फ 89.6 बिलियन डॉलर जुटाए। दुबई में होने जा रहा यह वैश्विक सम्मेलन COP का मतलब है कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज।

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