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सांसदों का नहीं, लोकतंत्र का हुआ है निलंबन : मल्लिकार्जुन खड़गे

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New Delhi : कांग्रेस पार्टी ने दोनों सदनों से चौदह विपक्षी सदस्यों के निलंबन को लोकतंत्र का निलंबन करार देते हुए कहा कि यह सब संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे से ध्यान भटकाने और सरकार की विफलता छिपाने के लिए किया गया है। सनद रहे कि लोकसभा में कुल 13 सदस्यों और राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है।

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मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या कहा?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा और हमारे लोकतंत्र के मंदिर संसद की सुरक्षा को खतरे में डालने के बाद बीजेपी अब आवाज उठाने वाले पर ही वार कर रही है। 15 विपक्षी सांसदों को संसद से निलंबित करना लोकतंत्र का निलंबन है। उन्होंने कहा कि उनका अपराध क्या है? क्या केंद्रीय गृह मंत्री से सदन में बयान देने का आग्रह करना अपराध है?

सुरक्षा में चूक गंभीर चिंता का विषय है  

क्या सुरक्षा में सेंध लगने पर चर्चा करना अपराध है? क्या यह तानाशाही के उस पहलू को रेखांकित नहीं करता, जो वर्तमान व्यवस्था की पहचान बन गई है? खड़गे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर कहा कि संसद की सुरक्षा में चूक गंभीर चिंता का विषय है, तथा इस पर सदन में नियम 267 के तहत चर्चा कराई जानी चाहिए।

खड़गे ने पत्र में क्या लिखा?

खड़गे ने पत्र में कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मैं संसद में इंडिया गठबंधन के घटक दलों के नेताओं के परामर्श से इस राय पर पहुंचा हूं कि यह मामला इतना महत्वपूर्ण है कि इसे नियम 267 के तहत उठाया जाना चाहिए। नियम 267 के तहत नोटिस स्वीकार होने पर राज्यसभा में शेष कामकाज निलंबित कर, सदस्य द्वारा उठाए गए विषय पर चर्चा कराई जाती है।

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