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अंकिता भंडारी का हुआ अंतिम संस्कार, भाई ने दी मुखाग्नि, समय को लेकर उठ रहे हैं सवाल

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अंकिता भंडारी मौत की नींद जरूर सो गई लेकिन देश के लिए कई राज  भी दफन कर गई है।सवाल कई उठ रहें है लेकिन जवाब वोही है जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने निकल के आया है, कारण है कि भारत में  किसी भी घटना के बारे में सबूतों के आधार पर ही न्याय होता है न ही  बातों पर इस बेटी के  अतिम संस्कार को लेकर भी सवाल उठ रहे हैँ।

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अंकिता भंडारी (Ankita Bhandaari) के अंतिम संस्कार में समय की इतनी जल्दी क्यों हुई? बताया जा रहा है कि पीड़ित परिवार को कोई लिखित आश्वासन दिए बिना ही प्रशासन ने रविवार शाम को शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने की भरपूर कोशिश की है उसमें सफल भी रही लेकिन,भारी भीड़ और प्रदर्शनकारियों के गुस्से के आगे  पुलिस महकमा की एक भी नहीं चलती दिखी। शव को Crimination के लिए ले जाने के प्रयास के बीच भारी संख्या में प्रदर्शनकारी मोर्चरी के आगे लेट भी गए।   

प्रदर्शनकारियों की मांग है कि पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये और परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। खबर तो ये भी मिल रही है कि सुबह से प्रदर्शन करने के बावजूद भी सरकार की ओर से कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने भारी नाराजगी जताई कि वे सुबह 7 बजे से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी जिम्मेदार प्रतिनिधि वार्ता करने के लिए आगे नहीं आया। फिलहाल किसी तरह से अंकिता की चिता को उसके भाई ने मुखाग्नि दे दी है।

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