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इजरायल-हमास जंग के बीच भारत ने भी बढ़ाई अपनी सीमा पर चौकसी

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नई दिल्ली: आज से तकरीबन इक्कीस दिनों पहले हमास ने इजरायल पर आतंकी हमला किया था। इस हमले में हमास ने इजरायल में घुसने के लिए पैरा ग्लाइडर्स का उपयोग किया था। इस हमले ने बॉर्डर पर हमारे देश की भी चिंताए काफी बढ़ा दी हैं। इसलिए, केंद्रीय रक्षा एजेंसियां भविष्य में ऐसी किसी हमले से निपटने के लिए कई तरह की तकनीकी पहलुओं पर कार्य कर रही हैं। जिसमें इस बात का पता लगाया जा रहा है कि क्या ड्रोन ऐसी हमलों से उनको बचा पाएगा?

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ऐसी किसी हमले से निपटने के लिए भारत के सुरक्षा ऑफिसर ड्रोन तकनीक की सहायता से बॉर्ड़र के संवेदनशील क्षेत्रों पर निगाह रखना चाहते हैं। रक्षा अधिकारियों का मानना है कि भारत की ब़ॉर्ड़र कई देशों के साथ लगी हुई है। बॉर्ड़र के अलग अलग सेक्टर की अलग अलग भौगोलिक परिस्थितियां हैं। जिनका उनको ध्यान रखना पड़ता है। ऐसे में ड्रोन टेक्निक की सहायता से दुर्गम क्षेत्रों पर चौकसी करने की बात की जा रही है।

सीमा पर होगी ड्रोन सिस्टम की टेस्टिंग                               

केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के रक्षा ऑफिसरों ने बीते हफ्ते निगरानी और टोही ड्रोन के कई घरेलू विक्रेताओं से मुलाकात भी कर ली है। आने वाले दिनों में जल्द ही उनकी उपयोगिता के मुताबिक टेंडर निकाले जाने की उम्मीद जताई जा रही है। सेना पूरे बॉर्ड़र को अलग अलग जोन में बांटकर वहां पर ड्रोन सिस्टम की टेस्टिंग अगले वर्ष मई के पहले तक कर सकती है।

पाकिस्तान-चीन बॉर्ड़र पर होगी ड्रोन सर्विलांस की तैनाती

भारतीय सेना के अनुसार इन ड्रोन की टेस्टिंग और तैनाती हिमालयी क्षेत्रों में चीन और पाकिस्तान के बॉर्ड़र पर भारत प्राथमिकता के आधार पर करेगा। यह क्षेत्र काफी दुर्गम हैं और यहां पर विपरीत मौसम में चौकसी करना अपने आप में संघर्ष भरी प्रक्रिया होती है। इसलिए, इन स्थानों पर सेना सबसे पहले ड्रोन सर्विलांस की तैनाती करना चाहती है।

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