MP: शिवराज सरकार में अत्याचार!, अफसर नहीं सुन रहे बुजुर्ग की गुहार

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MP News: राजगढ़ से 71 वर्ष के एक वृद्ध वक्ति आपनी पीठ के बल लैटकर बाबा महाकाल के दरबार आने की खबर सामने आई है। बुजुर्ग व्यक्ति किसी मनोकामना की वजह से ऐसी नही कर रहे है। बल्कि वे प्रशासन द्वारा अनसुनी किए जाने की वजह से परेशान है। जो महाकाल से गुहार लगा रहे है।
दरअसल राजगढ़ में प्लॉट पर दबंगों द्वारा कचरा और गोबर फेंकने से परेशान ये 71 साल के वृद्ध भेरूलाल परेशान है। वे पीठ के बल लेटकर बाबा महाकाल के दरबार जा रहे हैं। वे प्रशासन द्वारा सताए हुए हैं, उन्होंने जिम्मेदारों से शिकायत भी की और बताया था कि कचरा ओर गोबर फेंकने से जो बदबू आती है उससे हमें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन उनके प्रयासों के बाद भी कोई सुनवाई नही की गई। इसलिए उन्होंने ये तरीका अपनाया है। वे महाकाल के दरबार में अपनी अरदास लेकर पंहुच रहे है।
सुने के तो ये शिवराज सरकार अंतिम पंक्ति के व्यक्ति की गुहार सुनने का दावा करती है। लेकिन पिछले एक महीने से उज्जैन से दो ऐसे मामले सामने आए हैं। जिसमें सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने से ही नहीं बल्कि जिम्मेदारों के पास पहुंचकर लिखित में शिकायत करने पर भी समस्याओ का कोई समाधान मिल रहा है। थक हारकर पीड़ित व्यक्तियों ने अपने साथ हो रहे अत्याचार को सभी को बताने का प्रयास किया है।
कार्रवाई नही की जा रही
कुछ दिनों पूर्व उज्जैन के कोठी रोड पर तराना के कनासिया के एक सुखराम और उनकी बहन अपने हाथों में तख्तियां लेकर निकले थे और यह अंधा कानून है का गाना बजा रहे थे और अपने साथ हुए अन्याय को सभी को सुना रहे थे। इस वाक्य को कुछ ज्यादा समय नही हुआ है और अब राजगढ़ से 71 वर्षीय वृद्ध के पीठ के बल लेटकर बाबा महाकाल के दरबार आने की खबर फिर सुर्खियों में है। वृद्ध की समस्या को गांव के सरपंच, सचिव, माचलपुर के नायब तहसीलदार और तो और सीएम हेल्पलाइन पर भी गंभीरता से नही सुना गया। जिससे नाराज होकर अब वृद्ध का सरकार पर कोई भरोसा नहीं है। इसलिए इस समस्या के निदान को लेकर वे बाबा महाकाल के दरबार में आ रहे हैं।
कचरे ओर दुर्गंध से परेशान हैं परिवार
71 साल के भेरूलाल ग्राम जैथली राजगढ़ के रहने वाले हैं। वे पत्नी केसरबाई और बच्चों के साथ रहते हैं। साल 2021 में गांव के ही कुछ दबंगों ने अतिक्रमण करने के लिए भेरूलाल के घर जाने वाले रास्ते के पास खाली जगह पर गोबर फेंकना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे गोबर का ढेर बन गया। इससे वहां बदबू फैलने लगी। बदबू से बुजुर्ग का परिवार परेशान हो गया।
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