
Modi Government Wi-Fi Plan : भारत सरकार डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में एक नई पहल करने जा रही है. इस पहल में विश्व वाई-फाई दिवस 2025 के मौके पर केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एलान करते हुए कहा कि मोदी सरकार पूरे देश में व्यापक वाई-फाई कवरेज सुनिश्चित करने के लिए ठोस रणनीति पर लगातार काम कर रही है. इस घोषणा को ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (BIF) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में की किया गया है.
6 GHz बैंड को मिलेगा लाइसेंस फ्री दर्जा
इतना ही नहीं सिंधिया ने बताया कि भारत 6 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को लाइसेंस मुक्त करने के लिए अग्रसर है. जिसके चलते अधिक तेज, विश्वसनीय और स्थिर इंटरनेट सेवा दी जा सकेगी. उन्होंने यह भी बताया कि स्वतंत्रता दिवस 2025 से पहले इस नियम को अधिसूचित कर दिया जाएगा.
सरकार की भूमिका सुविधा प्रदाता की ओर
सिंधिया ने यह भी कहा कि सरकार केवल नियामक नहीं, बल्कि सुविधा प्रदान करने की भूमिका में है. किसी विशेष कंपनी या तकनीक का पक्ष लिए बिना, तकनीक को सभी के लिए बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित होगा. उन्होंने इसे ‘कनेक्ट होने, सृजन करने और आगे बढ़ने’ की आजादी करार दिया है.
13 गांवों में चल रहा 5G पायलट प्रोजेक्ट
बता दें कि फिलहाल देश के 13 गांवों में 5जी नेटवर्क का पायलट प्रोजेक्ट को चलाया जा रहा है जिसमें प्रत्येक गांव में 10 आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत को डिजिटल बनाना है.
बीआईएफ ने दिया समर्थन, 6 GHz से मिलेगा इनोवेशन को बढ़ावा
इस मुद्दे पर जानकारी देते हुए बीआईएफ की चेयरपर्सन अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि भारत की 40% आबादी अभी भी ऑफलाइन है और वाई-फाई ही उन्हें डिजिटल दुनिया से जोड़ने का एक वाहीद तरीका है. 6 GHz बैंड को लाइसेंस मुक्त करने से Wi-Fi 6E और Wi-Fi 7 जैसी तकनीकों के लिए रास्ता खुलेंगे. इससे AR, Cloud Gaming और 8K Video Streaming जैसी सेवाओं को नई ऊर्जा भी मिलेगी.
पीएम-वाणी बनेगा डिजिटल क्रांति का इंजन
जिसके बाद पूर्व ट्राई अध्यक्ष डॉ. आर.एस. शर्मा ने पीएम-वाणी को दूरदर्शी सार्वजनिक वाई-फाई को फ्रेमवर्क बताया. उन्होंने कहा कि यह लोकल उद्यमियों को सशक्त बनाने में कारगर साबित होगा और इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा. शर्मा ने इसे दूरसंचार क्षेत्र का “डिजिटल यूपीआई” करार दिया है. जो एक खुला, सुरक्षित और इंटरऑपरेबल सिस्टम प्रदान करता है.
गौरतलब है कि मोदी सरकार का यह डिजिटल रोडमैप भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने में काम करेगा और समावेशी समाज को बदलने में एक मील का पत्थर साबित होगा. वाई-फाई एक्सपेंशन, 6 GHz स्पेक्ट्रम की आजादी और पीएम-वाणी जैसी योजनाएं ही भारत को दुनिया की बड़ी डिजिटल बनाने की दिशा में मजबूत कदम हैं.
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