अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर कई राजनेताओं ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली: आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्यतिथि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने ‘सदैव अटल’ स्थल जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। वाजपेयी की याद में अटल समाधि पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी कई नेता मौजूद थे।
उनका व्यक्तित्व गर्मजोशी से भरा था- मोदी
वाजपेयी की याद में प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘हम गर्मजोशी से भरे उनके व्यक्तित्व को याद करते हैं, हम उनके प्यारे स्वभाव को याद करते हैं, हम उनकी बुद्धि और हास्य को याद करते हैं, हम राष्ट्रीय प्रगति में उनके योगदान को याद करते हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे लिखा, ‘अटल जी हमारे देशवासियों के दिल और दिमाग में रहते हैं। आज उनकी पुण्य तिथि पर ‘सदैव अटल’ स्थल के पास जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
योगी ने किया याद
वाजपेयी की पुण्यतिथि पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी लखनऊ के लोक भवन परिसर में श्रद्धांजलि दी। उन्होनें ट्विटर पर लिखा, ‘अभिजात देशभक्त, सशक्त वक्ता, ‘भारत रत्न’, पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि के अवसर पर लोक भवन परिसर में स्थापित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि अर्पित की’।
राष्ट्र निर्माण में उनके उत्कृष्ट योगदान- उप-राष्ट्रपति सचिवालय
वहीं उप-राष्ट्रपति सचिवालय ने उप-राष्ट्रपति वेंकया नायडु के टैग करते हुए अपने ट्वीट में लिखा कि, “वाजपेयी जी ने निस्वार्थ भाव से अपना पूरा जीवन हमारे महान राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया, वे वास्तव में सुशासन के अवतार थे। राष्ट्र निर्माण में उनके उत्कृष्ट योगदान को हमेशा याद किया जाएगा”।
वाजपेयी का राजनीतिक सफर
अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति में कई मुकाम हासिल किए। उन्होने 6 बार लोकसभा चुनाव जीता। लेकिन जनता का दिल हमेशा जीता। वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जब उनके भाई को 23 दिनों के लिए जेल में रहना पड़ा था, उसके बाद ही वाजपेयी राजनीति में आए।
सन् 1952 में अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार लखनऊ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन वो चुनाव हार गए। 1957 में वाजपेयी ने जनसंघ पार्टी से तीन लोकसभा सीटों, मथुरा, लखनऊ और बलरामपुर से चुनाव लड़ाया। लखनऊ और मथुरा से वे चुनाव हार गए, मथुरा में तो उनकी ज़मानत तक जब्त हो गई, लेकिन बलरामपुर संसदीय सीट से चुनाव जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे। सन् 1962 में लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन वो हार गए उसके बाद वे राज्यसभा से संसद पहुंचे। इसके बाद 1967 में हुए उपचुनाव में, जहां से वे जीतकर संसद पहुंचे।
कभी न रूकने वाला राजनीतिक सफर
अटल बिहारी वाजपेयी ने 1971 के लोकसभा चुनाव में ग्वालियर संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 1977 चुनाव और 1980 के मध्य अवधि चुनाव में वे नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे। 1984 के लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी को माधवराव सिंधिया ने पौने दो लाख वोटों से हराया। इसके बाद 1991 के आम चुनाव में लखनऊ और विदिशा सीट से चुनाव लड़े और दोनों ही जगह से जीते कर भारतीय राजनीति का ध्रुवतारा बन गए । बाद में उन्होंने विदिशा की सीट छोड़ दी। 1996 में उन्होनें लखनऊ और गांधीनगर से जीत हासिल की, इसके बाद 1998 और 1999 के लोकसभा चुनाव में लखनऊ सीट से जीतकर सांसद बने।
वाजपेयी 1996 से 2004 तक तीन बार प्रधानमंत्री बने। साल 1996 में वाजपेयी 13 दिनों के लिए प्रधानमंत्री बने, लेकिन बहुमत न होने के कारण उनकी सरकार गिर गई। 1998 में पार्टी ने एनडीए का गठन किया और फिर से अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने। जयललिता की पार्टी डीएमके के समर्थन वापस लेने से सरकार 13 महीनों बाद गिर गई। इसके बाद 1999 वाजपेयी फिर से प्रधानमंत्री बने और अपने कार्यकाल को पुरा किया। साल 2015 में भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया।