मनोज झा बोले…तेजस्वी का निर्णय था इतनी बड़ी संख्या में रोजगार

Manoj Jha to Nitish
Manoj Jha to Nitish: नीतीश कुमार के बयान के विरोध में और तेजस्वी यादव के पक्ष में आरजेडी सांसद डॉ. मनोज झा ने पत्रकार वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि निश्चित ही विगत 17 साल की सरकार पर 17 महीने की सरकार भारी रही है। जब एनडीए से अलग होकर नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव के पास आए थे तो लालू परिवार ने उन्हें अपना परिवार माना था।
‘तेजस्वी यादव का दिल बहुत बड़ा’
उन्होंने कहा जब नीतीश कुमार बीजेपी पर यह आरोप लगाते हुए आए थे कि वह जेडीयू को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं तो लालू ने उन्हें अपनाया था। वह बोले लालू और तेजस्वी का दिल बहुत बड़ा है। वह(नीतीश) पूर्व में एक ही परिवार थे इसलिए उन्हें अपनाया। इस दौरान एक शर्त भी रखी। शर्त ये थी कि बिहार में रोजगार दिया जाएगा। 10 लाख रोजगार का वादा उसी का हिस्सा है। चार लाख रोजगार हम दे चुके हैं।
‘आरजेडी का एक ही एजेंडा, बिहार की भलाई’
उन्होंने कहा हजारो लाखों नौकरी हमने दीं। गांव-क़स्बे में हर घर में नौकरी दी गई। उन्होंने कहा कि जाति गणना और आरक्षण की आवाज किसने उठाई? एक लाख 35 हज़ार स्वास्थ्य विभाग में नौकरी सृजित किसने की। यह सब तेजस्वी ने किया। हम अनुरोध करते है कि इनको रद्द न करें। सिर्फ़ इसलिये की इसका क्रेडिट तेजस्वी को जाएगा। तो वो ऐसा ना सोचें। बिहार की भलाई के अलावा RJD क़ा कोई एजेंडा नहीं हैं।
‘नहीं झुकेंगे तेजस्वी’
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री जी सदन में कुछ बोल गए, हमने कहा इस पर कुछ नहीं बोलना है। मैंने उनको भी समझाया और आगे बढ़े। आशा और ममता कर्मियों की फ़ाईल को कैबिनेट से रोक दिया गया। तेजस्वी झुकेंगे नहीं लालू के बेटे है। नीतीश जी सृजित की गई नौकरियों को रोकिएगा नहीं। आप से हम बस इतना कहना चाहेंगे कि आप राजनीतिक लड़ाई लड़िये तेजस्वी से।
‘नौकरी मतलब तेजस्वी’
नीतीश के बच्चे वाले बयान पर मनोज झा ने कहा, हर एक बच्चा जानता है तेजस्वी का एजेंडा क्या था। वो चलकर आए थे तेजस्वी ने उन्हें बचा लिया। 2005 के बाद 2015 हुआ आज वो बच्चे वोटर हैं। उनको नौकरी दी। नौकरी मतलब तेजस्वी। आरक्षण तेजस्वी के कारण लागू हुआ। केंद्र में राहुल को क्रेडिट जाएगा। बहुत सारी चीजे लिखूंगा और बोलूंगा। अभी कुछ लोगो की अबरू रहने दीजिए। प्रधानमंत्री की चुप्पी ऐतिहासिक दस्तावेज है।
‘…कई चेहरों के नकाब उतर जाएंगे’
मनोज झा ने कहा जातीय गणना लालू और तेजस्वी का आइडिया था। नीतीश कुमार ने बाद में हमें ज्वाइन किया। प्रधानमंत्री की चुप्पी के बाद भी हमने किया। इंडी गठबंधन के नाम बदलने पर बोले, नीतीश जी ये बात कह रहे हैं या कहलवाए जा रहे हैं यह मैं नहीं जानता। मैं हर मीटिंग में साक्षी रहा हूं, ज्यादा बोलना उचित नहीं होगा। कई चेहरों के नकाब उतर जाएंगे।
रिपोर्टः सुजीत श्रीवास्तव, ब्यूरोचीफ, बिहार
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