HMP वायरस को लेकर महाराष्ट्र सरकार अलर्ट, स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबिटकर ने बुलाई मीटिंग

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Maharashtra : महाराष्ट्र के कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ राहुल पंडित ने इस एचएमपी वायरस के बारे में जानकारी दी है और कहा है कि यह सामान्य फ़्लू निमोनिया जैसा है। इससे अधिक केस दूसरी वायरल बीमारी के हमारे पास आते हैं।
देश में एचएमपी वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। नागपुर में भी दो संदिग्ध मरीज मिलने के बाद महाराष्ट्र सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। एचएमपी वायरस को लेकर स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबिटकर ने स्वास्थ्य विभाग की आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव भी शामिल होंगे। मुंबई के सेंट जॉर्ज अस्पताल स्थित आरोग्य भवन में इस बैठक का आयोजन होगा। नागपुर में भी एचएमपी वायरस के दो मरीज मिले हैं। दो बच्चों की रिपोर्ट एचएमपी पॉजिटिव आई है। तीन जनवरी को निजी अस्पताल में 7 साल के बच्चे और 14 साल की बच्ची की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इन दोनों बच्चों को खांसी और बुखार था।
टास्क फोर्स के मेंबर हैं
महाराष्ट्र कोविड टास्क फ़ोर्स के सदस्य डॉ राहुल पंडित ने कहा कि एचएमपी वायरस ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस से घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। यह कोई नया वायरस नहीं है। यह कोविड से भी पुराना वायरस है। बता दें कि डॉक्टर राहुल पंडित सांस की बीमारी से संबंधित सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त टास्क फोर्स के मेंबर हैं। वह मुंबई में एचएन रिलायंस हॉस्पिटल आईसीयू यूनिट के प्रमुख भी हैं।
इसके लक्षण सर्दी खांसी
उन्होंने कहा कि साल 2001 में इसके केसेस नीदरलैंड में पाये गए थे। हर वायरस में म्यूटेशन होता है पर यह घटक नहीं है। यह सामान्य फ़्लू निमोनिया जैसा है। इससे अधिक केसेस दूसरी बीमारी के हमारे पास आते हैं। इसके लक्षण सर्दी खांसी जैसे हैं लेकिन इसमें मृत्युदर दर बेहद कम है, जो कैंसर, हाई शुगर और अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं, उन्हीं को थोड़ा ज्यादा ख्याल रखना होता है। संक्रमण के बाद मरीज 7 दिनों में एकदम ठीक हो जाता है।
खुद से टेस्ट ना कराएं
डॉक्टर ने कहा कि अभी बच्चों में ये इसलिए ज्यादा पाया जा रहा है क्योंकि उनके शरीर में एंटीबॉडीज तैयार हो रहें हैं। जो बड़े उम्र के लोग हैं, उनको यह होकर ही गया होगा लेकिन उनके शरीर में पहले से एंटी बॉडीज तैयार हैं। दो तीन दिन में सर्दी, खांसी, बुख़ार ठीक नहीं होता तो डॉक्टर की सलाह लें। खुद से टेस्ट ना कराएं। इसमें हॉस्पिटल में दाखिल होने की ज्यादा जरूरत नहीं है।
घबराने की जरूरत नहीं
उन्होंने कहा कि जिस तरह कोविड में गाइडलाइंस को फॉलो करते थे, उसी तरह इसमें भी सर्दी, खांसी में रुमाल का इस्तेमाल करें और हाथ धोएं। आईसीएमआर की जो गाइडलाइंस हैं, उन्हीं पर हम अमल करें, सोशल मीडिया की बातों पर ध्यान ना दें। यह एक सामान्य वायरस है, घबराने की जरूरत नहीं है।
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