Madhya Pradesh

Madhya Pradesh: भोपाल में बागेश्वर बाबा का 28 सितंबर को सजेगा ‘दिव्य दरबार’

बीजेपी के संस्थापक सदस्य कैलाश सारंग और उनकी पत्नी प्रसून सारंग की पुण्य स्मृति में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री 27 और 28 सितंबर को दोपहर 2 बजे से श्री हनुमंत कथा सुनाएंगे। श्री हनुमंत कथा के भव्य आयोजन के लिये भोपाल में पीपुल्स मॉल के पीछे करोंद में 55 एकड़ परिसर में कथा स्थल बनाया गया है। कहा जा रहा है कि इसमें देशभर से लगभग 10 लाख लोग शामिल होंगे। इसके साथ ही 28 तारीख को सुबह 10 बजे से दिव्य दरबार भी बाबा बागेश्वर लगाएंगे।

बाबा बागेश्वर के भोपाल आने पर अन्ना नगर से करीब 5 हजार गाड़ियों के साथ लगभग 20 किलोमीटर लंबी शोभायात्रा निकाली जायेगी। यह शोभा यात्रा कैलाश नगर, रचना नगर, ओल्ड सुभाष नगर, पंजाबी बाग, परिहार चौराहा, अशोक विहार, महामाई बाग, स्टेशन, चांदवड, सेमरा मंडी, सुभाष कॉलोनी, सम्राट कॉलोनी होते हुए अशोका गार्डन स्थित विवेकानंद पार्क में समाप्त होगा। इस दौरान शहर के 300 से अधिक सामाजिक संगठनों द्वारा लगभग 1500 स्वागत मंचों से बागेश्वर धाम सरकार का भव्य स्वागत किया जायेगा।

पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के हनुमत कथा और दिव्य दरबार के लिए 1 लाख से ज्यादा आमंत्रन कार्ड बांटे गए हैं। बाबा बागेश्वर के कार्यक्रम को लेकर मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का हनुमंत कथा भोपाल में अब तक का सबसे भव्य धार्मिक समागम होगा। शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर कार्यकर्ताओं द्वारा हनुमंत कथा के आमंत्रण पत्र का वितरण किया जा रहा है।

मंत्री सारंग ने बताया कि कथा में देश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 10 लाख लोगों के आने का अनुमान है। कथा स्थल पर सभी श्रद्धालुओं के बैठने के लिये 50 हजार वर्ग फीट में वॉटरप्रूफ डोम लगाये जा रहे हैं। वहीं पंडालों में आने के लिए पीपुल्स मॉल मुख्य सड़क से कुल 11 द्वार बनाये गये हैं। जिसमें सभी प्रवेश द्वारों पर नियंत्रण कक्ष बनाये गये हैं जहां पुलिस के जवान और सेवादार श्रद्धालुओं के आवागमन की व्यवस्था संभालेंगे।

300 सामाजिक संगठन बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के भोजन और ठहरने की करेंगे व्यवस्था 2 दिवसीय कथा में शामिल होने आ रहे देश के विभिन्न क्षेत्रों के श्रद्धालुओं के भोजन एवं ठहरने की व्यवस्था के लिये 300 से अधिक सामाजिक संगठनों द्वारा धर्मशालाओं में व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही कथा स्थल पर भी नाश्ते, पेयजल, शरबत व चिकित्सा शिविरों की भी व्यवस्था की जायेगी।

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