लाउडस्पीकर विवाद: CM Yogi के आदेश के बाद प्रशासन ने नोएडा में दिखाई सख्ती, धार्मिक स्थलों को नोटिस जारी

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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाउडस्पीकर की तेज आवाज पर रोक लगाने का निर्देश जारी होने के बाद नोएडा में अधिकारी सख्त हो गए हैं। गौतम बुद्ध नगर में पुलिस ने मंदिरों और मस्जिदों सहित लगभग 900 धार्मिक स्थलों को नोटिस जारी किया है।

लाउडस्पीकर विवाद
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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाउडस्पीकर की तेज आवाज पर रोक लगाने का निर्देश जारी होने के बाद नोएडा में अधिकारी सख्त हो गए हैं। गौतम बुद्ध नगर में पुलिस ने मंदिरों और मस्जिदों सहित लगभग 900 धार्मिक स्थलों को नोटिस जारी किया है। इस बात की जानकारी अधिकारियों ने दी।

मंगलवार को पुलिस आयुक्त ने धार्मिक स्थलों, विवाह भवनों आदि स्थानों पर बजने वाले लाउटस्पीकर या डीजे के संबंध में नोटिस देकर कहा था कि उच्च न्यायालय द्वारा जारी किए गए निर्देशों का अक्षरश: पालन हो।

900 से ज्यादा धार्मिक स्थलों को नोटिस

मंगलवार को अधिकारियों ने 621 मंदिरों में से 602 मंदिरों, 268 मस्जिदों में से 265 मस्जिदों, 16 अन्य धार्मिक स्थलों को नोटिस देने के साथ-साथ 217 विवाह स्थलों, 182 डीजे संचालकों में से 175 डीजे संचालकों को नोटिस जारी किया गया।

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अधिकारियों ने कहा कि अगर गौतम बुद्ध नगर में कोई भी धार्मिक स्थल/डीजे संचालक उच्च न्यायालय द्वारा ध्वनि सम्बन्धी दिये गये निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी। बता दें कि मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि बिना अनुमति के कोई भी धार्मिक जुलूस नहीं निकाला जाना चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से दूसरों को असुविधा नहीं होनी चाहिए।

सीएम योगी ने दिया था निर्देश

बता दें कि देश के कुछ राज्यों में त्योहारों के दौरान हुई हिंसा को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि बिना अनुमति के कोई भी धार्मिक जुलूस नहीं निकाला जाना चाहिए और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से दूसरों को असुविधा के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगले महीने ईद और अक्षय तृतीया एक ही दिन पड़ने की संभावना है और आगामी दिनों में कई अन्य त्योहार आने वाले हैं। ऐसे में पुलिस को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। लखनऊ में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में कहा था कि सभी को अपनी धार्मिक विचारधारा के अनुसार पूजा पद्धति का पालन करने की स्वतंत्रता है।