Lok Sabha Election 2024 : बंगाल में ममता बनर्जी ने किया काँग्रेस से किनारा,इंडी अलायंस की बढ़ी मुश्किलें

Lok Sabha Election 2024 :
Lok Sabha Election 2024 : बंगाल में काँग्रेस के खिलाफ लड़ेंगी ममता।UP में अखिलेश के साथ मिलकर करेंगी खेल। असम और मेघालय में भी किया लड़ने का दावा। काँग्रेस के सामने ताश के पत्तों की तरह बिखर रहा है इंडी अलायंस।
Lok Sabha Election 2024 : अखिलेश यादव भी बोल चुके हैं बगावती बोल
आगामी लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी की गाड़ी को रोकने के लिए,काँग्रेस ने विपक्षी पार्टियों की एक टीम तो खड़ी कर दी है। लेकिन काँग्रेस इन पार्टियों को अपने साथ जोड़ने में नाकाम नजर आ रही है।क्योंकि इंडी गठबंधन में ऐसी अनेकों पार्टियाँ हैं,जो मोदी विरोध के कारण एक साथ तो आ गई हैं। लेकिन इनके पास एक दूसरे के साथ रहने की कोई दूसरी वजह नहीं है। इनमें से कई.पार्टियाँ तो एक दूसरे को देखना तक पसंद नहीं करती। इंडी अलायंस की महत्वपूर्ण पार्टियों में से एक मानी जाने वाली समाजवादी पार्टी के मुखिया,अखिलेश यादव खुद कॉंग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगा चुके हैं। वहीं ! खुद ममता बनर्जी भी कई बार कॉंग्रेस पर निशाना साध चुकी हैं और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी तो ममता बनर्जी को अहंकारी तक बता चुके हैं।
Lok Sabha Election 2024 : इंडी अलायंस से किनारे का इशारा
आपको बता दें ! ममता बनर्जी ने हाल हीं में बंगाल में सभी लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार कर,काँग्रेस और इंडी अलायंस से किनारे का इशारा कर दिया है। बीते रविवार को इंडी गठबंधन को तब सबसे बड़ा झटका लगा,जब ममता बनर्जी ने बंगाल में अपने सभी 42 सीटों पर अपने लोकसभा उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की। अपने इस कदम से TMC ने ना सिर्फ काँग्रेस से किनारा किया। बल्कि उन्होंने इंडी गठबंधन से भी दूरी का ऐलान कर दिया है। ममता ने कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए,ये बात साफ कर दी है कि उनका इंडी गठबंधन से नाता सिर्फ राष्ट्रीय स्तर तक है और वे बंगाल में खुद काँग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी।
Lok Sabha Election 2024 : यूपी,असम और मेघालय में भी लड़ेगी TMC
ममता बनर्जी ने “जन गर्जन सभा” के दौरान ये कहा कि,उनकी पार्टी TMC बंगाल के अलावा असम और मेघालय में भी चुनाव लड़ेगी। यही नहीं ! वो उत्तर प्रदेश में भी एक लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव से बातचीत कर रही हैं। अगर ममता बनर्जी की यह नीति इंडी गठबंधन में शामिल अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल जैसे नेता भी अपने-अपने राज्यों में अपनाते हैं। तो काँग्रेस का इंडी गठबंधन बनाने का कोई कारण हिन नहीं रह जाएगा।वैसे भी जिस गठबंधन में शामिल तमाम नेता स्वयं को सबसे बड़ा समझें और एकता से ज्यादा महत्वाकांक्षाओं को महत्व दें,वो गठबंधन ज्यादा समय तक नहीं टिक सकता। अब देखना ये है कि,आगामी लोकसभा चुनावों तक इंडी गठबंधन बचत भी है या नहीं?
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