यमुना में अंतर-राज्यीय प्रदूषण को रोकने के लिए मास्टर-प्लान बना रही है केजरीवाल सरकार: सत्येंद्र जैन

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार पड़ोसी राज्यों से यमुना में आने वाले 155 एमजीडी दूषित पानी को अपने खर्चे पर साफ करने का निर्णय लिया है। साथ ही, केजरीवाल सरकार यमुना में अंतर-राज्यीय प्रदूषण को रोकने के लिए मास्टर-प्लान भी बना रही है। इसके अलावा, यमुना की सफाई दिल्ली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। दिल्ली के जल मंत्री एवं दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने यमुना में पड़ोसी राज्यों से होने वाले प्रदूषण को लेकर डीजेबी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान यह बातें कही।
यमुना की सफाई दिल्ली सरकार की है सर्वोच्च प्राथमिकता – सत्येंद्र जैन
मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यमुना में हरियाणा से 105 एमजीडी और उत्तर प्रदेश से 50 एमजीडी दूषित पानी आता है। जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यमुना किसी एक राज्य की नहीं, बल्कि पूरे देश की है और इसकी सफाई के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जो कुछ भी जरूरी होगा वह किया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर डीजेबी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग प्राथमिकता के आधार पर यमुना की सफाई का कार्य कर रहा है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आने वाले नालों को या तो एसटीपी में जोड़कर या फिर इन-सीटू तकनीक के जरिये ट्रीट किया जाएगा। इस तरह साफ किए गए पानी को झीलों और जल निकायों के कायाकल्प, भूजल पुनर्भरण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा और बचा हुआ पानी यमुना नदी में छोड़ा जाएगा।
यमुना किसी एक राज्य की नहीं बल्कि पूरे देश की है – सत्येंद्र जैन
यमुना में हरियाणा के दो प्रमुख नालों से 105 एमजीडी दूषित पानी आता है। इसमें से, 90 एमजीडी दूषित पानी गुरुग्राम के रास्ते बादशाहपुर नाले से ड्रेन नंबर 6 से आता है। इसी तरह, उत्तर प्रदेश से 50 एमजीडी दूषित पानी दिल्ली के गाजीपुर नाले में गिरता है, जो यमुना नदी में मिल जाता है।
सत्येंद्र जैन ने कहा, “दूषित पानी एक संसाधन है, जो किसी भी शहर की पानी की समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकता है। दिल्ली जल बोर्ड ने इस दिशा में कुछ कदम उठाएं हैं। ड्रेन नंबर 6 लगभग 15 एमजीडी पानी ले जा रहा है, जिसके प्रवाह को बैराज के माध्यम से टैप किया गया है और नरेला एसटीपी की ओर मोड़ दिया गया है, जो वर्तमान में 10 एमजीडी की अपनी क्षमता के मुकाबले लगभग 12 एमजीडी दूषित पानी को साफ करता है। इसके अलावा, नरेला क्षेत्र की विभिन्न झीलों, जलाशयों, टैंकों और हरित क्षेत्रों में कायाकल्प और पुनर्भरण के लिए इस साफ किये गए पानी को ले जाने के लिए पाइपलाइन भी बिछाई जा रही है।