जेट-एयरवेज फाउंडर नरेश गोयल 11 सितंबर तक ED कस्टडी में, मनी लॉन्ड्रिंग केस में हुई थी गिरफ्तारी

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय, जिसे ED कहा जाता है, ने शनिवार को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को मुंबई के PMLA कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने गोयल को 11 सितंबर तक ED की हिरासत में भेज दिया है। अब ED उनसे पूछताछ करेगी। गोयल पर 538 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले का आरोप है।
शुक्रवार को ED ने 74 साल के नरेश गोयल को पूछताछ के लिए मुंबई के ऑफिस में बुलाया था। पूछताछ के बाद देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसके पहले ED ने उन्हें दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वो पेश नहीं हुए थे। पिछले साल नवंबर में केनरा बैंक ने नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद मई 2023 में CBI ने फ्रॉड केस दर्ज किया। बाद में ED ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।
क्या है मामला
FIR में केनरा बैंक ने आरोप लगाया था कि उसने जेट एयरवेज (इंडिया) को 848.86 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट और लोन दिए थे। जिनमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया हैं, CBI ने कहा था कि खाते को 29 जुलाई, 2021 को “फ्रॉड” घोषित किया गया था।
बता दें बैंक ने आरोप लगाया कि JIL के फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला कि उसने कुल कमीशन खर्चों में से ‘संबंधित कंपनियों’ को 1,410.41 करोड़ रुपये का भुगतान किया, इस तरह JIL से पैसे निकाल लिए गए। जेट एयरवेज (भारत) के सैम्पल एग्रीमेंट के मुताबिक, यह नोट किया गया था कि जनरल सेलिंग एजेंट्स का खर्च GSA द्वारा ही वहन किया जाना था और न कि JIL द्वारा।
हालांकि, ये देखा गया कि JIL ने 403.27 करोड़ रुपये के कई खर्चों का भुगतान किया है जो JIL के मुताबिक नहीं हैं, “शिकायत अब CBI की FIR का हिस्सा है। इसमें कहा गया है कि गोयल परिवार के कर्मचारियों के वेतन, फोन बिल और वाहन खर्च जैसे निजी खर्चों का भुगतान JIL की ओर से ही किया गया।
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