Jaipur : राम और राम राज्य का आदर्श भारत के संविधान में है निहित : जगदीप धनखड़
Jaipur : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राम राज्य का आदर्श भारत के संविधान में निहित है और संविधान निर्माताओं ने बहुत सोच समझकर मौलिक अधिकारों के ऊपर राम, लक्ष्मण, सीता का चित्र रखा है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जयपुर (Jaipur) में आयोजित नेशनल इलेक्ट्रो होम्योपैथी संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत पीड़ा होती है जब कोई अज्ञानी इतिहास से अनभिज्ञ, यह हलफनामा दे देते हैं कि राम काल्पनिक हैं।
जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?
जगदीप धनखड़ ने कहा कि राम और राम राज्य का आदर्श भारत के संविधान में निहित है और संविधान के निर्माताओं ने इसको पराकाष्ठा पर रखा है। उपराष्ट्रपति ने बताया कि हमारे संविधान में बीस से ज्यादा चित्र हैं और उनमें मौलिक अधिकारों के ऊपर जो चित्र है उसमें राम, लक्ष्मण, सीता हैं, जो लोग भगवान राम का निरादर कर रहे हैं वास्तव में वह हमारे संविधान निर्माताओं का अनादर कर रहे हैं। हमारे संविधान निर्माताओं ने बहुत सोच समझकर विवेकपूर्ण तरीके से प्रभु राम के उन चित्रों को वहां रखा है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने क्या कहा?
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि समाज तभी स्वस्थ रहेगा जब समाज के सभी अंग एक साथ रहेंगे। हमारी संस्कृति यही कहती है सब मिलकर काम करो एकजुटता से रहो। जो लोग समाज को हिस्सों में बांटना चाहते हैं, तात्कालिक राजनीतिक फायदे के लिए जहर फैलाना चाहते हैं, वे ही 35 बनाम एक की बात करते हैं, 20 बनाम 10 की बात करते हैं। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि ऐसे लोग समाज के दुश्मन नहीं, बल्कि खुद के भी दुश्मन हैं और उनका आचरण अमर्यादित ही नहीं, बल्कि घातक है। उन्होंने कहा कि मेरा आपसे अनुरोध है कि ऐसे तत्वों को सबक सिखाने की दरकार नहीं है, क्योंकि वह अपने हैं।
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