
ISKCON: दुनियाभर में 1 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के अनुयायी बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं की सुरक्षा के लिए “प्रार्थना और जप” के कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने बताया कि 150 से अधिक देशों में लाखों भक्त इस पहल में शामिल होंगे। यह आयोजन बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों और विरोध प्रदर्शनों के जवाब में किया जा रहा है।
बांग्लादेश में हाल ही में हुए विवाद के केंद्र में इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी हैं। उन पर चटगांव में एक हिंदू रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया, जिसके तहत राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया। उनकी ज़मानत अर्जी खारिज होने के बाद से स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा
इस विवाद के बाद चटगांव में तीन हिंदू मंदिरों पर हमले हुए। शांतनेश्वरी मातृ मंदिर, शोनी मंदिर, और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर पर हिंसक भीड़ ने हमला कर धार्मिक स्थल को क्षति पहुंचाई। इस घटना ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के भीतर भय और असुरक्षा को बढ़ा दिया है।
भारत ने इन घटनाओं पर चिंता जताई और बांग्लादेश से हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में कहा कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा बांग्लादेश सरकार की प्राथमिक ज़िम्मेदारी है। भारत ने बांग्लादेश में चरमपंथी हिंसा और मंदिरों पर हमलों की निंदा की है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ढाका से कड़े कदम उठाने की मांग की है।
वहीं, बांग्लादेश ने भारत में अपने उप उच्चायोग पर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन पर चिंता व्यक्त की और नई दिल्ली से राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
इस प्रकरण ने भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है। इस्कॉन की पहल से वैश्विक स्तर पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता पर ध्यान केंद्रित होने की उम्मीद है।
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