Iron Lady: देश की पहली महिला प्रधानमंत्री का आज जन्मदिन, जानिए उनके जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

Iron Lady: इंदिरा गांधी भारत की राजनीति में एक ऐसा नाम है, जिसका व्यक्तित्व और कार्य हमेशा चर्चा में रहा है। मोरारजी देसाई ने इंदिरा को ‘‘गूंगी गुड़िया’’ कहा था, लेकिन देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने ऐसे कई निर्णय लिए की उन्होंने उसे ‘आयरन लेडी’ बना दिया।
Iron Lady: इंदिरा गांधी के जन्म से मृत्यु तक का सफर
19 नवंबर 1917 को कमला नेहरू और जवाहरलाल नेहरू के घर पैदा हुई कन्या को उसके दादा मोतीलाल नेहरू ने इंदिरा नाम दिया। उसका रंग सलोना था, इसलिए उसके पिता ने उसे भी प्रियदर्शिनी नाम दिया। फौलादी हौसले वाली इंदिरा गांधी ने चार बार देश की बागडोर संभाली, वे देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री थीं।
पुरानी राजनीतिज्ञ इंदिरा गांधी ने भी कुछ सवाल उठाने वाले फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री के रूप में उनकी सिफारिश पर देश भर में आपातकाल घोषित किया गया, जो उन्हें सत्ता से भी बाहर कर दिया गया और एक और विवादग्रस्त फैसले का कारण बन गया। उन्हें अपने सिख अंगरक्षकों के हाथों जून 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सैन्य कार्रवाई में भी जान गंवानी पड़ी।
इंदिरा की प्रेम कहानी
बात उस समय की है जब फिरोज इंदिरा स्कूल में पढ़ रहे थे और स्वतंत्रता संग्राम में शामिल थे। 1930 में इंदिरा नेहरू की मां कमला नेहरू एक कॉलेज के सामने आजादी की लड़ाई में धरना देते समय बेहोश हो गईं। तब फिरोज ने न सिर्फ उन्हें देखभाल किया, बल्कि आनंद भवन, नेहरू परिवार का घर, जाने लगे, जहां वे खाना खाने लगे। इंदिरा और फिरोज वहीं मिले। तब से फिरोज ने नेहरू परिवार के घर आना-जाना शुरू कर दिया था।
इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू और फिरोज की प्रेम कहानी को शादी तक पहुंचान में कई वर्ष लगे। पंडित जवाहरलाल नेहरू शादी के खिलाफ थे, क्योंकि दोनों की धर्मनिरपेक्षता थी और उनकी उम्र में काफी अन्तर था…। विभिन्न बाधाओं के बावजूद, इंदिरा नेहरू ने फिरोज को पाया और फिरोज को इंदिरा नेहरू के साथ ही सरनेम ‘गांधी’ भी मिला। इंदिरा ने राजनीति में गांधी परिवार का नाम बदलकर ‘गांधी’ हो गया।
इंदिरा और फिरोज की प्रेम कहानी में कई चुनौतियां थीं। सबसे बड़ी दोनों का अलग-अलग धर्म था। इंदिरा एक हिंदू पंडित परिवार से थीं, जबकि फिरोज पारसी परिवार से था। उनकी मां का नाम रतिबाई और पिता का नाम जहांगीर था। गांडी उनका कुलनाम है। दूसरे, इंदिरा की उम्र 16 साल थी जबकि फिरोज 21 साल के थे। तीसरा, जवाहरलाल नेहरू और फिरोज की विचारधारा एक दूसरे से अलग थी। जवाहरलाल नेहरू की नीतियों के खिलाफ फिरोज ने अक्सर लेख लिखे।