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ताइवान पर चीन की टेढ़ी नजर: जिनपिंग बोले- शांति के साथ करेंगे शामिल, एक दिन पहले दी थी हमले की धमकी

ताइवान चीन विवाद
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ताइवान पर चीन अपना प्रभुत्व जमाना चाहता है। पिछले कई महीनों से चीन ताइवान को लेकर बयान देता रहा है। पिछले दिनों चीन ने ताइवान को हमले की धमकी भी दी लेकिन अब चीन के सुर बदले-बदले नजर आ रहे हैं। अब चीन ने ताइवान मामले में कहा है कि ताइवान को शांति के साथ चीन में शामिल करेंगे।

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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन किसी भी कीमत पर अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। ताइवान को शांतिपूर्ण तरीके से चीन में मिलाना दोनों देशों के विकास के लिए जरूरी है। किसी को भी चीन की संप्रभुता और अखंडता के प्रति समर्पण और क्षमता को कम करके नहीं आंकना चाहिए। देश के ऐतिहासिक एकीकरण का काम जरूर पूरा होगा।

वहीं दूसरी तरफ चीनी राष्ट्रपति के बयान पर ताइवान ने जवाब दिया है। ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा है कि ताइवान एक स्वतंत्र देश है। ताइवान चीन गणराज्य का हिस्सा नहीं था। उन्होंने एक देश दो प्रणाली के चीन के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि देश का भविष्य ताइवान के लोगों के हाथों में है।

एक महीने में 60 बार बॉर्डर क्रॉस

चीन ने एक अक्टूबर को राष्ट्रीय दिवस के मौके पर 38 फाइटर जेट से अपना शौर्य प्रदर्शन किया था। ये जेट उड़ते-उड़ते ताइवान की सीमा में दाखिल हो गए थे। ताइवान की डिफेंस मिनिस्ट्री के मुताबिक चीन ने 18 जे-16, 4 सुखोई-30 विमान और 2 परमाणु बम गिराने में सक्षम एच-6 बॉम्‍बर भेजे थे। इसके जवाब में ताइवान की एयरफोर्स ने भी अपने फाइटर जेट्स उड़ाए। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक महीने में चीन ने 60 बार ताइवान में घुसपैठ किया है।

रूस के दिया साथ

चीन के इस बयान को रूस ने समर्थन दिया है। विंटर ओलंपिक में शामिल होने आए रूस के राष्ट्रपति वलादिमिर पुतिन ने संयुक्त बयान में ताइवान को चीन का अभिन्न हिस्सा माना। रूस ने चीन के वन चाइना पॉलिसी का समर्थन किया।

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