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अमेरिकी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कोरोना को लैब में तैयार कर मचाया तहलका, एनआईएच ने शुरू की जांच

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पिछले ढाई सालों से कोरोना ने पूरे विश्व भर में अपना कहर बरपाया था लेकिन वैक्सीन के बाद मामलों में काफी कमी आ गई है। हालांकि अभी भी डर कायम है क्योंकि अमेरिका ने कुछ ऐसा किया है जिससे दुनिया में खलबली मच सकती है दरअसल अमेरिका की बोस्टन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने लैब में कोरोना वायरस का आर्टिफिशियल फॉर्म तैयार कर लिया है, जिसके बाद से हंगामा मच गया है। ये मामला जैसे ही अमेरिका के हेल्थ विभाग को पता लगा उन्होनें इस पर जांच करनी शुरू कर दी है।

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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने फाइनेंशियल टाइम्स को बताया कि उसके अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या स्टडी, जिसे आंशिक रूप से अमेरिकी सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया था, को आगे बढ़ने से पहले अतिरिक्त जांच से गुजरना चाहिए था। एनआईएच ने कहा है कि उसने आगे बढ़ने से पहले काम की समीक्षा नहीं की थी, भले ही शोधकर्ता सरकारी पैसों का इस्तेमाल कर रहे थे।

एक प्रवक्ता ने कहा, “एनआईएच इस मामले की जांच कर रहा है, ताकि यह तय किया जा सके कि किया गया शोध एनआईएच ग्रांट पॉलिसी स्टेटमेंट के अधीन था या नहीं। उधर, बोस्टन यूनिवर्सिटी ने बताया कि उसे काम करने से पहले एनआईएच को सतर्क करने की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि सरकारी पैसा सीधे प्रयोगों को फंड नहीं देता है। हालांकि, इसका इस्तेमाल उपकरणों और तकनीकों के लिए किया जाता था।

वहीं विश्व विद्यालय के प्रवक्ता ने कहा है कि इस तरीके की रिसर्च करना काफी जोखिम भरा हो सकता है क्योंकि इससे इन्फेक्शन फैल सकता है और यह महामारी का रूप ले सकता है। वहीं, एक शख्स ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि हो सकता हो कि चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से ऐसे ही कोरोना वायरस फैला हो। वहीं, वैज्ञानिकों का कहना है कि वे इस तरह का काम करते रहना चाहते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि वायरस कैसे व्यवहार करते हैं और क्या वे भविष्य में लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।

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