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रूस ने 47 साल बाद चांद पर लूना-25 भेजा, Chandrayaan-3 से पहले उतरेगा चांद पर!

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भारत के बाद रूस भी चंद्रमा पर अपना मिशन भेजने वाला है। फिलहाल भारत के चंद्रयान 3 की चंद्रमा पर लैंडिंग को लेकर नजर बनी हुई है। इसी बीच रूस भी अपना चंद्रयान मिशन लॉन्च करने जा रहा है। रूस करीब 50 साल बाद चंद्रमा पर फिर से कदम रखने जा रहा है। रूस की कोशिश है कि किसी तरह से चंद्रमा को लेकर वैश्विक प्रतिस्‍पर्द्धा में खुद को आगे रखा जाए। इस वजह से रूस लून-25 मिशन के जरिए खुद को स्‍पेस रेस में पूरी मजबूती के साथ पेश करने जा रहा है।

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बता दें रूस का लूना 25 लैंडर सोयूज 2.1b रॉकेट के अंदर रखा जा चुका है और शुक्रवार को इसे मास्‍को से चंद्रमा के लिए रवाना किया जाएगा। रूस की सरकारी न्‍यूज एजेंसी तास ने इसकी जानकारी दी है। रूस अपने लूना-25 को चांद के दक्षिण ध्रुव के पास भारत के चंद्रयान-3 के समय या उससे पहले सतह पर उतारने की तैयारी कर रहा है।

Russia ने करीब 47 साल बाद चांद पर अपना मून मिशन भेजा। 11 अगस्त की सुबह 4:40 बजे के करीब अमूर ओब्लास्ट के वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से Luna-25 Lander मिशन लॉन्च किया गया। लॉन्चिंग सोयुज 2.1बी (Soyuz 2.1b) रॉकेट से किया गया। इसे लूना-ग्लोब मिशन भी कहते हैं। 

यह रॉकेट करीब 46.3 मीटर लंबा है। इसका व्यास 10.3 मीटर है। इसका वजन 313 टन है। चार स्टेज के रॉकेट ने Luna-25 लैंडर को धरती के बाहर एक गोलाकार ऑर्बिट में छोड़ा। जिसके बाद यह स्पेसक्राफ्ट चांद के हाइवे पर निकल गया। इस हाइवे पर ही 5 दिन की यात्रा करेगा। इसके बाद चांद के चारों तरफ 7-10 दिन चक्कर लगाएगा।

21 या 22 अगस्त को लूना-25 चांद की सतह पर उतरेगा। इसका लैंडर चांद की सतह पर 18 किलोमीटर ऊपर पहुंचने के बाद लैंडिंग शुरू करेगा। करीब 15 किलोमीटर ऊंचाई कम करने के बाद 3 किलोमीटर की ऊंचाई से पैसिव डिसेंट होगा। यानी धीरे-धीरे लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा। 700 मीटर ऊंचाई से थ्रस्टर्स तेजी से ऑन होंगे ताकि इसकी गति को धीमा कर सकें। 20 मीटर की ऊंचाई पर इंजन धीमी गति से चलेंगे। ताकि यह लैंड हो पाए।

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