Indian Tribes : भारतीय प्राचीन जनजाति पोलिश, जानें इनकी परंपराएँ और आर्थिक जीवन
Indian Tribes : भारतीय जनजाति जो अपनी संस्कृति के लिए प्रचलित हैं। इन्हीं जनजातियों में से एक पोलिश समुदाय भी है। यह समुदाय भारत के दक्षिण हिस्से में निवास करता है। इनकी संस्कृति, परंपराएँ, और जीवनशैली उनके समाज और पर्यावरण के प्रति संबद्धता को दर्शाती हैं। पोलिश की सामाजिक संरचना आज भी बहुत हद तक संरक्षण में है। उनकी कला और शिल्प उनके सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक हैं।
पोलिश प्राचीन आदिवासी सुमदाय जिसकी भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक संसाधनों के साथ गहरे जुड़ाव हैं। यह समुदाय पारंपरिक तौर पर कृषि, शिकार और जंगल के उत्पादों पर निर्भर रहता है। पोलिश समुदाय की प्रमुख भाषा मालायालम और तमिल है। उनहोंने अपनी संस्कृति में नृत्य और संगीत को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया है। पारंपरिक नृत्य जैसे धोकी और चेरिया हैं, जो कि सामाजिक समारोहों और त्योहारों का अभिन्न हिस्सा माने जाते हैं।
परंपराएँ
इनकी परंपराएँ और रीति-रिवाज समुदाय की सामाजिक संरचना और जीवनशैली को दर्शाता है। पोलिशों द्वारा गाए जाने वाले संगीत उनके जीवन की घटनाओं और परंपराओं को व्यक्त करते हैं। पोलिश जनजाति की सामाजिक संरचना गांव पर आधारित होती है। हर गांव में एक मुखिया होता है। यह मुखिया सामाजिक और पारंपरिक मामलों को सुलझाने का काम करता है। इस समाज में परिवार की एकता और सामुदायिक सहयोग को बहुत महत्व दिया जाता है।
आर्थिक जीवन
धार्मिक अनुष्ठानों में वृक्ष पूजा, नदी पूजा, और पशु बलि शामिल हैं। सप्तमी और नवरात्रि जैसे पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते हैं। आमतौर पर धान, मक्का और दालें उगाते हैं। जंगल से फल, मेवे और लकड़ी एकत्र करते हैं। शिकार और मत्स्य पालन भी उनकी आजीविका का ही एक हिस्सा हैं।
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