Indian Police Force Review: एक्शन और रोमांच देने की कोशिश में हल्का सा चूक गए रोहित शेट्टी
Indian Police Force Review: जब इंडियन पुलिस फोर्स का ट्रेलर लॉन्च हुआ था तो सबसे ज्यादा तालियां रोहित शेट्टी की एंट्र्री पर बजी थी. रोहित भले फिल्ममेकर हैं लेकिन रुतबा किसी सुपरस्टार जैसा है और इसकी वजह है कि उनका अपना एक स्टाइल है और उन्होंने अपनी एक अलग फैन फॉलोइंग बनाई है. जब रोहित शेट्टी कुछ बनाते हैं तो वो किसी एक्टर या एक्ट्रेस का प्रोजेक्ट नहीं रोहित शेट्टी का प्रोजेक्ट होता है. अमेजन प्राइम पर आई इंडियन पुलिस फोर्स पर भी रोहित शेट्टी का ठप्पा लगा है.
क्या है कहानी
दिल्ली में कुछ ब्लास्ट होते हैं और हर तरफ आतंक का माहौल बन जाता है. दिल्ली पुलिस आतंकियों को पकड़ नहीं पाती और फिर वो दूसरे शहरों में भी आतंक फैलाने लगते हैं. ऐसे में सिद्धार्थ मल्होत्रा यानि कबीर मलिक, विवेक ओबरॉय यानि इंस्पेक्टर विक्रम और तारा शेट्टी मामले को सुलझाने और आतंकियों को पकड़ने में लग जाते हैं. कहानी कोई नई नहीं है लेकिन इसे रोहित शेट्टी ने अपने स्टाइल में पेश किया है.
कैसी है वेब सीरीज
7 एपिसोड की ये वेब सीरीज देखकर आपको लगेगा कि आप रोहित शेट्टी की तीन फिल्में देख रहे हैं. खूब सारी गाड़ियां उड़ती हैं, खूब सारे ब्लास्ट होते हैं. खूब सारा एक्शन होता है. वो सब होता है जो रोहित शेट्टी की फिल्मों में दिखता है लेकिन वही सब होता है जो उनकी फिल्मों में अब तक दिखा है या फिर हमने इस तरह की दूसरी फिल्मों में देखा है. कुछ ऐसा नहीं दिखता जो अलग हो. हां कुछ चौंकाने वाले ट्विस्ट आते हैं जो आपको बांधे रखते हैं लेकिन अगर आप रोहित शेट्टी के पुलिस यूनिवर्स के फैन हैं तो निराश नहीं होंगे.
एक्टिंग
सिद्धार्थ मल्होत्रा, विवेक ओबरॉय और शिल्पा शेट्टी तीनों का काम अच्छा है. रोहित ने इसने जो कहा इन्होंने वो किया. शिल्पा एक्शन करती हुई कमाल की लगती हैं. सिद्धार्थ और विवेक ऐसा कुछ पहले भी कर चुके हैं और यहां भी वो ठीक ठाक काम कर गए हैं.
डायरेक्शन
रोहित शेट्टी ने अपने स्टाइल में इस सीरीज को डायरेक्ट किया है. रोहित ने वो तमाम मसाले डालने की कोशिश की है जिसके लिए वो जाने जाते हैं. रोहित शेट्टी जिस जोनर के डायरेक्टर हैं वो उसी पर टिके रहे हैं. उन्होंने कुछ हटकर करने की कोशिश नहीं की है और इसकी वजह ये भी हो सकती है कि जब सिंघम, सिंबा और सूर्यवंशी इन्हीं मसालों पर चली हैं तो फिर कुछ अलग करना रिस्की भी हो सकता था.
कमी
वेब सीरीज के डायलॉग कमजोर लगते हैं और कहीं ना कहीं इमोशन का तड़का थोड़ा कम है. हां ताबड़तोड़ एक्शन जरूर है. कुछ इस तरह की घटनाएं दिखाई गई हैं कि कोई आतंकी कैसे बनता हैं. क्या हालात होते हैं, ये सब हम बहुत देख चुके हैं और ये थोड़ा कम किया जा सकता था.