UN में इजरायल गाजा चर्चा पर पाकिस्तान का कश्मीर राग, भारत ने ऐसे दिया जवाब

PC: @IndiaUNNewYork
India in UN: इजरायल गाजा संघर्ष का असर पूरी दुनिया पर पड़ा है. इजरायल गाजा के हालातों पर संयुक्त राष्ट्र की बैठक का आयोजन किया गया है. लेकिन बैठक में पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा उठाया. जिसका बखूबी जवाब भारत ने दिया है.
भारत ने कहा है कि इजरायल-ग़ाज़ा के हालात पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान की ओर से ‘कश्मीर का ज़िक्र किया जाना अवमानना’ है. भारत ने कहा है कि वो इन्हें ‘नज़रअंदाज़ करेगा’ क्योंकि ये ‘जवाब देने के लायक़ नहीं है.’
मध्य पूर्व के मौजूदा हालातों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने कश्मीर का ज़िक्र किया था. यूएन में भारत के डिप्टी स्थायी प्रतिनिधि आर रविंद्र ने मंगलवार को पाकिस्तान की टिप्पणी के बाद संयुक्त राष्ट्र के मंच से ये प्रतिक्रिया दी है.
कश्मीर भारत का अभिन्न अंग
आर रविंद्र ने कहा, “अपनी बात ख़त्म करने से पहले मैं कहूंगा कि एक प्रतिनिधि ने आदतन एक टिप्पणी उन केंद्र शासित इलाक़ों के बारे में की जो मेरे देश का अटूट और अभिन्न अंग हैं.”
रविंद्र ने कहा, “मैं इन टिप्पणियों को उसी अवमानना के साथ देखूंगा जिसके ये लायक़ हैं और समय का ध्यान रखते हुए प्रतिक्रिया देकर इन्हें इज़्ज़त नहीं बख़्शूंगा.”
India in UN: भारत इजरायल के साथ
इजरायल-ग़ाज़ा संघर्ष पर भारत का पक्ष रखते हुए रविंद्र ने कहा, “7 अक्तूबर को इजरायल पर हुए आतंकी हमलों की हम निंदा करते हैं. इजरायल जब इस समय संकट का सामना कर रहा था तब हम इजरायल के साथ खड़े थे. हमने ग़ाज़ा के अस्पताल पर हुए हमले में सैकड़ों लोगों के मारे जाने की घटना पर भी ग़हरी चिंता ज़ाहिर की थी. हमारे प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि इस घटना में जो भी शामिल हैं, उनकी ज़िम्मेदारी तय होनी चाहिए.”
मानवीय संकट का होना चाहिए समाधान
उन्होंने कहा, “जो मानवीय संकट पैदा हो रहा है, उसका समाधान होना चाहिए, हम तनाव कम करने और ग़ाज़ा में राहत सामग्री भेजने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों की सराहना करते हैं. भारत ने 38 टन राहत सामग्री भेजी है जिसमें दवाइयां भी शामिल हैं.”
“भारत ने हमेशा ही इजरायल-फ़िलिस्तीनी संकट के बातचीत के ज़रिए द्विराष्ट्र समाधान का समर्थन किया है. जिसके नतीजे में एक स्वतंत्र, संप्रभु और कामयाब फ़िलिस्तीन राष्ट्र का निर्माण हो जिसकी सीमाएं सुरक्षित हों और जो इजरायल के साथ शांति से रहे.”
India in UN: अमेरिका का बयान
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने परिषद की बैठक में कहा कि आतंकवाद के सभी कृत्य ग़ैर-क़ानूनी और अनुचित हैं. ‘हमें हर राष्ट्र की अपनी सुरक्षा करने और ऐसे हमलों को रोकने के अधिकार की पुष्टि करनी होगी.’
India in UN: हर राष्ट्र की सुरक्षा महत्वपूर्ण
ब्लिंकन ने कहा, ‘इस परिषद का कोई भी सदस्य, इस संस्था से जुड़ा कोई भी राष्ट्र, अपने लोगों के ऐसे नरसंहार को बर्दाश्त नहीं करेगा.’
ब्लिंकन ने कहा, ‘जैसा कि इस परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बार-बार कहा है, आतंकवाद की सभी घटनाएं ग़ैर-क़ानूनी और अनुचित हैं.’ उन्होंने कहा, “ये ग़ैरक़ानूनी और अनुचित हैं चाहें फिर उन्हें आईएसआईएस, बोको हराम, अल शबाब, लश्कर-ए-तैयबा या फिर हमास अंजाम दे.”