सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, इस बार भी दिवाली पर नहीं जला सकेंगे पटाखे

हर बार की तरह इस बार भी दिल्ली वालों की दिवाली फीकी पड़ने वाली है। इस बार भी दिवाली पर नहीं जला सकेंगे पटाखे। जी हां दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ‘हैप्पी दिवाली।’ सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक दिल्ली- NCR को छोड़कर देश भर में बाकी जगहों पर ग्रीन पटाखों के उपयोग की इजाजत होगी। हर तरह के पटाखों में बेरियम के इस्तेमाल पर रोक रहेगी। पटाखों में लड़ियों, रॉकेट आदि पटाखों पर बैन बरकरार रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश भर की एजेंसियां इस आदेशों का पालन करें। पिछले हफ्ते जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने इस मामले की विस्तार से सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। दरअसल, केंद्र सरकार और पटाखा निर्माताओं ने इन पटाखों से कम प्रदूषण का दावा करते हुए इसे बनाने और बिक्री की प्रक्रिया की जानकारी कोर्ट को दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल याचिका को नामंजूर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों के निर्माण और उपयोग की मांग करने वाली याचिका को खारिज करते हुए ग्रीन क्रैकर्स के उत्पादन पर रोक लगा दी है।
बता दें अदालत ने कहा कि साल 2018 मे लगे प्रतिबंध को सभी अधिकारी विधिवत तरीके से लागू करेंगे. दिल्ली जैसे कई राज्य जहां पटाखे बैन हैं, उस आदेश में कोई भी दखल नहीं देगा. इस दौरान जस्टिस ए एस बोपन्ना ने कहा कि हम सिर्फ हैप्पी दिवाली कह सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश भर की एजेंसियां इस आदेशों का पालन करें। पिछले हफ्ते जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ ने इस मामले की विस्तार से सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इनमें से एक याचिका बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने 2022 में दिल्ली में दिवाली के दौरान पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध को चुनौती देते हुए दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि क्या वे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद से बेहतर काम कर सकते हैं और यह भी कहा कि किसी को प्राथमिक संस्थानों पर भरोसा करना होगा। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि यह सही है कि सरकार के प्रस्ताव पर बेरियम पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन यह 2018 की दिवाली के लिए था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि अभी दिल्ली में हर चीज पर प्रतिबंध है चाहे वह ग्रीन हो या अन्य।
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