23 अक्टूबर को NCEL का लोगो और वेबसाइट लॉन्च करेंगे गृह मंत्री अमित शाह

नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) 23 अक्टूबर को नई दिल्ली (New Delhi) में नेशनल कोऑपरेटिव फॉर एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) द्वारा आयोजित सहकारी निर्यात (Cooperative Export) पर राष्ट्रीय संगोष्ठी (National Seminar) को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह NCEL का लोगो, वेबसाइट और ब्रोशर लॉन्च करेंगे तथा NCEL सदस्यों को सदस्यता प्रमाणपत्र भी वितरित करेंगे। एक दिवसीय संगोष्ठी में निर्यात बाजारों से जुड़ने के लिए सहकारी समितियों का मार्गदर्शन, भारतीय कृषि-निर्यात क्षमता और सहकारी समितियों के लिए अवसर सहित अनेक विषयों पर मंथन किया जाएगा।
कैसे आया NCEL अस्तित्व में?
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह के सहकारी क्षेत्र में निर्यात के लिए अंब्रेला संगठन के रूप में काम करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी समिति की स्थापना की जरुरत पर जोर देने के पश्चात NCEL अस्तित्व में आया था। सहकारिता मंत्रालय ने देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए पिछले 27 महीनों में 54 महत्वपूर्ण पहल की हैं। जिनमें सहकारी समितियों के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर की निर्यात सहकारी समिति की स्थापना नरेंद्र मोदी सरकार के ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है।
25 जनवरी 2023 को हुआ था NCEL का पंजीकरण
NCEL का 25 जनवरी 2023 को बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम 2002 के अंतर्गत पंजीकरण किया गया था। अपने राजस्व को लगभग 2160 करोड़ रुपये के मौजूदा स्तर से 2025 तक दोगुना करने के लक्ष्य के साथ NCEL बड़ी संख्या में सहकारी समितियों का नामांकन करके कृषि और संबद्ध गतिविधियों के साथ-साथ हथकरघा और हस्तशिल्प वस्तुओं को भी शामिल करता है।
सहकारी समितियां 2000 करोड़ रुपये की अधिकृत शेयर पूंजी वाली NCEL का सदस्य बनने के लिए पात्र हैं। संगोष्ठी सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए की गई विभिन्न पहलों पर सहकारिता मंत्रालय के अधिकारियों के एक प्रेजेंटेशन के साथ शुरू होगी। संगोष्ठी के दूसरे हिस्से में कई विषयों पर तकनीकी सत्र शामिल होंगे। जिनमें निर्यात बाजारों से जोड़ने के लिए सहकारी समितियों को चैनलाइज़ करना, भारतीय कृषि निर्यात की क्षमता और सहकारी समितियों के लिए अवसर, भारत को दुनिया की डेयरी हब बनाना तथा सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना शामिल है।
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