Holi in Mahakal: महाकालेश्वर में 2 दिन पहले से होगा, होली उत्सव जानें वजह

Holi in Mahakal
Holi in Mahakal: बाबा महाकाल के दरबार में होली के पर्व की शुरूआत इस बार एक नहीं बल्कि दो दिन पहले ही हो जाएगी। बता दें कि इस साल होली 8 फरवरी को मनाई जाएगी। लेकिन इस बार तिथियों में घट बड़ होने के कारण ग्वालियर पंचांग के अनुसार छह मार्च की शाम को प्रदोष काल में मंत्रोच्चार के साथ होलिका दहन किया जा रहा होगा। जिसके बाद सात मार्च की सुबह बाबा महाकाल को हर्बल गुलाल लगाकर होली का उत्सव मनाया जाएगा।
महाकाल के आंगन में होली
दरअलस देश में सबसे पहले होली उज्जैन में स्थित बाबा महाकाल के आंगन में होली मनाई जाती है। क्योंकि होलिका दहन उज्जैन में 6 मार्च को होगा इसलिए सात मार्च की सुबह भस्म आरती में बाबा महाकाल को हर्बल गुलाल लगाकर पुजारी इस रंगोत्सव की शुरूआत करेंगे। महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित महेश गुरू ने कहा है कि विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में छह मार्च को सबसे पहले प्रदोषकाल में होलिका दहन होगा। राजाधिराज भगवान महाकाल सात मार्च को तड़के चार बजे हर्बल गुलाल से होली खेलेंगे। इसके पश्चात शहरवासी रंग पर्व मना सकते है।
ग्वालियर पंचांग के अनुसार पर्व
पं.महेश पुजारी ने बताया कि मंदिर में हर त्यौहार ग्वालियर पंचांग के अनुसार मनाए जाते हैं, मंदिर में फाल्गुन पूर्णिमा पर प्रदोषकाल में होलिका के पूजन व होलिका दहन का विधान है। पंचांग की गणना के अनुसार छह मार्च को सुबह चतुर्दशी और शाम को प्रदोष काल में पूर्णिमा तिथि होने से महाकाल मंदिर में शाम को होलिका का पूजन व दहन होगा।
6 मार्च रात को होलिका दहन
ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास ने बताया कि इस बार भद्राकाल होने के कारण छह मार्च को गोधूलि बेला में होलिका पूजन किया जाएगा। सात मार्च को भद्रा का प्रभाव होने के कारण इस बार सूर्योदय के पूर्व ही मंदिर में होलिका दहन होगा। मंदिर में होलिका दहन के पहले पुजारी और पुरोहित परिवार की महिलाएं और श्रद्धालु होलिका का पूजन मंत्रोचार के साथ करेंगे।
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