महाराष्ट्र की लोनार झील ने अपने अंदर समेट रखे कई रहस्य, वैज्ञानिकों के लिए अनसुलझी पहली

दुनिया में कई ऐसी चीज़ें मौजूद हैं, जिनके पीछे का रहस्य हमें नहीं पता है। महाराष्ट्र के बुलढाना जिले में स्थित लोनार लेक भी इनमें से एक है। इस झील का राज़ जानने के लिए दुनिया के कई वैज्ञानिक काफ़ी सालों से लगे हुए हैं।
दरअसल, इसका आकार बिलकुल गोल है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह झील उल्का पिंड के धरती से टकराने की वजह से बनी थी। लेकिन उल्का पिंड कहां गया, इसका पता अब तक नहीं चल पाया है। दो साल पहले अचानक इस झील का पानी लाल हो गया था। तब वैज्ञानिकों ने बताया कि यहां के पानी में हालोआर्चिया नामक बैक्टीरिया बड़ी संख्या में मौजूद है, जिसकी वजह से पानी का रंग बदल जाता है।
2010 से पहले वैज्ञानिक मानते थे कि यह झील 52 हज़ार साल पुरानी है। लेकिन ताज़ा रिसर्च में इसे 5 लाख 70 हज़ार साल पहले का माना गया है। साल 2019 में लोनर लेक को एक वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बना दिया गया।
वहीं इस झील को लेकर दूसरी कहानी ये भी है कि यहां जब ज्वालामुखी फूटा था, जबकि तीसरी कहानी एक राक्षस के वध से जुड़ी है, जिसका संहार खुद भगवान विष्णु ने किया था. कहा जाता है कि इस झील का उल्लेख ऋग्वेद और स्कंद पुराण में भी मिलता है. यहां कई प्राचीन मंदिरों के अवशेष भी मिले हैं।