UN में भारत बनेगा स्थाई सदस्य, अमेरिकी राष्ट्रपति और तुर्किए राष्ट्रपति ने जताई सहमति
जी20 समिट को लेकर भारत मंडपम बीते दिन पावर हाउस बनकर उभरा है। दुनिया की महाशक्तियां इस समिट के लिए भारत मंडपम में एकत्रित हुईं। इसी कड़ी में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें बाइडेन ने यूएन में भारत की स्थाई सदस्यता पर अपनी सहमति जताई। आपको बता दें कि चीन भारत की स्थाई सदस्यता को लेकर अड़ंगा लगाता रहा है, लेकिन जिनपिंग की अनुपस्थिति में अमेरिका की हरी झंडी से यूएन में भारत की स्थाई सदस्यता की उम्मीद जगने लगी है।
तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता पर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि अगर भारत को यूएनएससी का स्थायी सदस्य बनाया जाता है, तो उनका देश गर्व महसूस करेगा। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि सभी गैर-स्थायी सदस्यों को बारी-बारी से सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने का मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए ये बातें कहीं।
वर्तमान में सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य हैं, जिनमें चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। इन पांच देशों का जिक्र कर उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि दुनिया इन पांच देशों से कहीं ज्यादा बड़ी है। तुर्किए के राष्ट्रपति ने आगे कहा कि हमें गर्व महसूस होगा, अगर भारत जैसे देश को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाया जाता है। कश्मीर जैसे मुद्दों पर पाकिस्तान का साथ देने वाले एर्दोगन के मुंह से ये बातें सुनकर काफी लोग हैरान हुए हैं।