Haryana: तीन निर्दलीय विधायकों ने छोड़ा बीजेपी का साथ, गिरेगी या बचेगी सरकार?

Haryana Politics
Haryana Politics: हरियाणा की बीजेपी सरकार अल्पमत में है. दरअसल सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. अब ऐसे में विपक्ष प्रदेश के मुखिया से इस्तीफे की मांग करने लगा है. विपक्ष का कहना है कि नायब सिंह सैनी सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है. प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए.
हरियाणा विधासभा में नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है. राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए. सत्ता से समर्थन वापस लेने वाले तीनों विधायकों ने जनता की इच्छानुरूप कांग्रेस को समर्थन दिया है.
आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष व कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से उम्मीदवार डॉ सुशील गुप्ता ने कहा, सरकार विश्वसनीयता को पहले ही गवां चुकी थी. अब अधिकार भी खो चुकी है. उन्होंने जेजेपी को भी आड़े हाथों लिया. राज्यपाल से सरकार की बर्खास्तगी की मांग की.
बता दें कि हरियाणा में कुल 90 विधायक हैं. बहुमत के लिए 46 विधायकों के समर्थन की जरूरत होती है. अभी मनोहर लाल और रणजीत चौटाला के इस्तीफों की वजह से 2 पद खाली हैं. अब 88 के हिसाब से देखें तो बहुमत के लिए 45 विधायक चाहिए. सरकार का साथ छोड़ने वालों में दादरी से विधायक सोमबीर, नीलाखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर और पूंडरी से विधायक रणधीर गोलन हैं. बीजेपी के पास 40 विधायक हैं. हरियाणा लोकहित पार्टी की 1 सीट और 2 निर्दलीयों को मिलाकर कुल 43. मतलब जादुई आंकड़े से दो सीट कम.
कांग्रेस के पास कुल 30 विधायक हैं. 3 निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बाद कुल 33 होंगे. वहीं जेजेपी के पास 10 विधायक हैं. इंडियन नेशनल लोकदल का एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू हैं.
वहीं सूत्रों की मानें तो जेजेपी के सात विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. वोटिंग की स्थिति में यदि इन्होंने बीजेपी के पक्ष में वोट किया तो सरकार बच जाएगी. वहीं अगर ये वोट न करें तो भी बीजेपी की सरकार बच जाएगी.
बता दें कि पूर्व मुख्मयंत्री मनोहर लाल के इस्तीफे से पहले 22 फरवरी 2024 को कांग्रेस बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। अब इसके छह महीने तक कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता. मतलब 22 अगस्त से पहले नहीं. वहीं सितंबर अक्टूबर में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सरकार अगस्त में भी विधानसभा भंग करके चुनाव की घोषणा कर सकती है।
सीएम हरियाणा नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुछ विधायकों की इच्छाएं होती हैं. कांग्रेस आज कल इच्छाएं पूरी करने में लगी हुई है. लोग सब जानते हैं कि किसकी क्या इच्छा है? कांग्रेस को सिर्फ इच्छाएं पूरी करनी हैं.
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