Gorakhpur: आज दिखेगा CM योगी का अनोखा रूप, दंडाधिकारी बनकर सुलझायेंगे विवाद

आज हर रंग अबीर के साथ विजयदशमी का उत्सव द्खने को मिलेगा। जबकि दशहरा के दिन मुख्यमंत्री का एक विशिष्ट रूप देखने को मिलता है, जो नाथ संप्रदाय की पुरानी सभ्यता और पहचान है। इस दिन मुख्यमंत्री योगी दंडाधिकारी पद पर नियुक्त होते हैं। विजयदशमी के दिन मंदिर में सबसे बड़ी पूजा की जाती है। वहीं संतगण योगी आदित्यनाथ को अदालत में चल रहे विवादों के समाधान से पहले पात्र देव के रूप में पूजते हैं।
CM योगी का एक विशेष रूप
दशहरा के दिन उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में माहौल कुछ अलग होता है। अबीर के साथ विजयदशमी का उत्सव हर रंग में दिखाई देता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शहर में उपस्थित हैं। जबकि दशहरा के दिन मुख्यमंत्री का एक खास रूप देखने को मिलता है, जोकि नाथ संप्रदाय की पुरानी पहचान और सभ्यता संस्कृति में से एक है। इस दिन मुख्यमंत्री योगी दंडाधिकारी बनते हैं। इस दौरान वह साधु संतों के न्याय की बात करते हैं। यह वर्ष में एकमात्र मौका है जब मुख्यमंत्री की विशिष्ट छवि सामने आती है।
आज दंडाधिकारी बने मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गोरखनाथ मंदिर भी विजयादशमी पर पारंपरिक पूजा करते हैं। आज सीएम योगी दंडाधिकारी हैं। इस दिन नाथ संप्रदाय के साधु संतों की मंदिर में विशेष अदालत बैठती है। जिसमें गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर ने संतों के कई विवादों को हल किया है। नाथ संप्रदाय के संतों के लिए यह दिन महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री दंडाधिकारी बनते हैं क्योंकि वह अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पथं योगी महासभा के अध्यक्ष हैं, जो नाथपंथ की सबसे बड़ी संस्था है।
दशहरे पर की जाती है योगी आदित्यनाथ की पूजा
विजयदशमी के दिन मंदिर में श्रेष्ठ पूजा का आयोजन होता है। वहीं अदालत में चल रहे विवादों के समाधान से पहले संतगण योगी आदित्यनाथ को पात्र देव के रूप में पूजते हैं। योग्य देवता के सामने किसी भी साधु संत को सुनना उसमें कोई भी संत झूठ बोल नहीं सकता। यह श्रेष्ठ पूजा संत समाज के नियंत्रण का संकेत है।