कांग्रेस के 90 विधायकों के इस्तीफों से भी कामयाब नहीं होगें गहलोत के दांव, हाईकमान ने ना मंजूर की गुट की 3 शर्तें
कांग्रेस में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बीच राजस्थान में सीएम की कुर्सी की पद संभालने के लिए सियासी माहौल काफी गरमाया हुआ है। जहां कल रात कांग्रेस आलाकमान द्वारा सचिन पायलट को अगला मुख्यमंत्री बनाने की संभावना के बीच अशोक गहलोत के समर्थकों के 90 विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया। उधर, पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मामले को सुलझाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को हर एक बागी विधायक से बात करने के निर्देश दिए। हालांकि, रातभर चले सियासी ड्रामे के बाद विधायकों से बातचीत में कोई हल नहीं निकला।
राजस्थान की सीएम कुर्सी को लेकर कांग्रेस के बाच मचा बवाल
गहलोत के अध्यक्ष पद के चुनाव की हामी भरने के बाद से ही राजस्थान की सीएम कुर्सी को लेकर कल कांग्रेस के बीच खूब ड्रामेबाजी हुई। कल रात गहलोत के वफादार माने जाने वाले 90 से ज्यादा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी को अपने इस्तीफे सौंप दिए। उन्होंने हाईकमान के सामने तीन शर्तें रख दी हैं, जिसमें सबसे बड़ी यह है कि सचिन पायलट को सत्ता ना सौंपी जाए। राज्य विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने रविवार देर रात कहा, ”हमने इस्तीफे दे दिए हैं और आगे क्या करना है इसका फैसला अब विधानसभा अध्यक्ष करेंगे।
हाई कमान को मंजूर नहीं गहलोत की शर्तें
इससे पहले राज्य के आपदा प्रबंधन और राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने मीडियाकर्मियों से कहा, ”हम अभी अपना इस्तीफा देकर आए हैं।” यह पूछे जाने पर कि कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया, उन्होंने कहा, ”लगभग 100 विधायकों ने इस्तीफा दिया है।” हाई कमान को मंजूर नहीं गहलोत गुट की शर्तों से आलाकमान की ओर से जयपुर भेजे गए अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे भी हैरान हैं। माकन ने कहा कि 19 अक्टूबर (कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव परिणाम का दिन) से पहले सीएम की घोषणा नहीं करने से हितों के टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
गहलोत कैंप के तीनों शर्तों पर गहलोत ने कहा, ”हम विधायक दल की बैठक के लिए आए थे, जिसे मुख्यमंत्री ने ही तय किया था। समय और दिन उनकी पसंद का था। बहुत हैरानी की बात है कि विधायक नहीं आए। हम सभी विधायकों से अलग-अलग बात करना चाहते थे, ताकि वह खुलकर बोल सकें।”कयास ये भी लगाए जा रहें हैं कि इस उठा-पटक के बीच राजस्थान में राष्ट्रपति शासन भी लागू हो सकता है।
उधर, राहुल गांधी ने भी राजस्थान मामले की जानकारी लेते हुए केरल से केसी वेणुगोपाल को दिल्ली भेजा है। वेणुगोपाल दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। AICC पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन दोनों आज दिल्ली जाएंगे और शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपेंगे। नाराज विधायक पर्यवेक्षकों से मिलने के लिए तैयार नहीं हैं। हाईकमान से चर्चा के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।