नेहरू म्यूजियम का नाम आज से प्रधानमंत्री संग्रहालय, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

गुरुवार (आज) सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी ने बुधवार को कहा था कि यह स्थान सभी भारतीय प्रधानमंत्रियों के योगदान को प्रदर्शित करेगा। बता दें इस संग्रहालय का नाम पहले नेहरू संग्रहालय था। हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने नेहरू संग्रहालय का नाम बदलने का फैसला किया था।
आज यह नेहरू म्यूजियम अब प्रधानमंत्री संग्रहालय (पीएम म्यूजियम) के नाम से जाना जाएगा। यहां पर देश के सभी प्रधानमंत्रियों की यादों को सहेजा जाएगा। प्रधानमंत्री आज आंबेडकर जयंती के अवसर पर इसका उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा था कि यह कार्यक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। पीएम कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, राष्ट्र निर्माण की दिशा में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान के सम्मान में यह संग्रहालय बनाया गया है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, स्वतंत्रता के बाद से भारत के प्रत्येक प्रधानमंत्री को यह एक श्रद्धांजलि है, चाहे उनकी विचारधारा या कार्यकाल कुछ भी हो। इस संग्रहालय का उद्देश्य भारत के युवा पीढ़ी को सभी भारतीय प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, दूरदर्शिता और उपलब्धियों के बारे में प्रेरित करना है।
इस संग्रहालय में प्रधानमंत्री नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक सारे प्रधानमंत्रियों के जीवन, कार्यों और देश के प्रति उनके योगदान को दर्शाया गया है। इस संग्रहालय में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू क्या भूमिका थी, उसके बारे में भी विस्तार से बताया गया है।
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) की कार्यकारी परिषद के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि इस संग्रहालय में पं. नेहरू को एक संस्थान निर्माता के रूप में चित्रित किया गया है। वे 1967 बैच के रिटायर आईएएस अधिकारी हैं।
नवनिर्मित संग्रहालय में भारत के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर, संविधान के निर्माण तक की सभी चीजों और जानकारियों को प्रदर्शित किया गया है। संग्रहालय भवन का डिजाइन विशेष है और ये उभरते भारत की कहानी से प्रेरित है।
इस संग्रहालय को बनाने में किसी भी पेड़ को काटा या प्रत्यारोपित नहीं किया गया है। इमारत का कुल क्षेत्रफल 10,491 वर्ग मीटर है। इसमें जो भी जानकारी दी गई है वह विश्वसनीय सोर्स और पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवारों से संपर्क करके जुटाया गया है।