Delhi : फर्जी वीजा बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, अब तक कर चुके थे 300 करोड़ की ठगी
Fraud in Delhi : पुलिस ने फर्जी वीजा बनाने वाले ग्रुप का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में दिल्ली के तिलक नगर इलाके में पुलिस ने हाल ही में एक छापेमारी की, जिसमें प्रमुख आरोपी मनोज मोंगा को गिरफ्तार किया गया। मनोज मोंगा, जो ग्राफिक्स डिजाइनिंग में प्रशिक्षित था और इसके लिए उसने डिप्लोमा भी किया हुआ था, फर्जी वीजा बनाने के गिरोह का मुख्य सदस्य था।
पांच सालों से चल रहा था गोरखधंधा
पुलिस ने बताया कि मनोज मोंगा ने पिछले 5 सालों से फर्जी वीजा बनाने का गोरखधंधा चला रखा था। इस गिरोह ने लगभग 5 हजार फर्जी वीजा बनाकर 300 करोड़ रुपये की ठगी की।
दो सिंतबर को खुली थी पोल
हाल ही में, 2 सितंबर को कुरुक्षेत्र के संदीप नामक एक व्यक्ति को फर्जी स्वीडिश वीजा के साथ पकड़ा गया, जो इटली जाना चाहता था। संदीप ने पुलिस को बताया कि उसने वीजा के लिए एजेंट आसिफ अली को 10 लाख रुपये दिए थे। संदीप ने यह भी खुलासा किया कि उसके गांव के कई लोग ऐसे ही वीजा पर विदेश में नौकरी कर रहे थे।
पुलिस ने की एक के बाद एक गिरफ्तारी
पुलिस ने संदीप से मिली जानकारी के आधार पर आसिफ अली, शिवा गौतम और नवीन राणा को गिरफ्तार किया। शिवा गौतम ने बलवीर सिंह और जसविंदर सिंह का नाम लिया, जिनको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों ने मनोज मोंगा का नाम लिया, जिसके बाद पुलिस ने तिलक नगर में छापा मारा और मनोज को पकड़ लिया।
18 पासपोर्ट और नकली वीजा स्टिकर भी बरामद
मनोज मोंगा ने पुलिस को बताया कि उसे इस काम के लिए 5 साल पहले जयदीप सिंह ने उकसाया था. पुलिस ने बताया कि मनोज मोंगा और उसके साथी हर महीने 50 से 60 फर्जी वीजा बनाते थे और एक वीजा के लिए 8 लाख रुपये लेते थे। आरोपियों ने टेलीग्राम, सिग्नल और वाट्सऐप जैसे एप्स का इस्तेमाल कर लोगों से संपर्क साधा और ठगी की। पुलिस ने आरोपियों के पास से 18 पासपोर्ट और नकली वीजा स्टिकर भी बरामद किए हैं।
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