भारत और आस्ट्रेलिया के मध्य पहली टू प्लस टू वार्ता आज, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा होगा प्रमुख मुद्दा

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नई दिल्ली। विश्व के बदलते दौर में नए मित्र बनाने और नई राजनीतिक और व्यापारिक व्यवस्था गढ़ने में जुटे भारत और आस्ट्रेलिया के बीच पहली ‘टू प्लस टू’ बैठक आज यानि शनिवार को होनी तय है, जिसमें दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्री उपस्थित होंगे। भारत इसी उद्देश्य से जापान और अमेरिका के साथ हर साल विशेष बैठक आयोजित करता है। ऑस्ट्रेलिया के साथ इस प्रकार की यह पहली बैठक है। इसके अलावा जापान और अमेरिका के विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों के साथ बैठक की योजना भी बनाई जा रही है।

क्वाड के तहत भी होगी चर्चा

भारत इन तीनों देशों के साथ पूरी तरह से अपने रिश्तों को बढ़ाने और उसे मजबूती प्रदान करने में जुटा है। इसके अलावा भी अन्य देशों के रक्षा एवं विदेश मंत्रियों की वार्ता हो रही है। वार्ता के बाद क्वाड के तहत भी इनके बीच साझा बातचीत होगी।

इस वार्ता में हिस्सा लेने के लिए भारत पहुंचे आस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डुट्टो की शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय बैठक भी हुई। इस बैठक में खास तौर पर अफगानिस्तान के हालातों के साथ दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग स्थापित करने की संभावनाओं पर चर्चा हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आस्ट्रेलियाई कंपनियों को भारतीय रक्षा क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया, साथ ही भारत सरकार की ओर से रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश संबंधी नियमों का भी जिक्र किया। दोनों देशों के बीच संयुक्त रूप से रक्षा उपकरणों के उत्पादन की संभावनाओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई।

राजनाथ सिंह ने पीटर को भारत दौरे के लिए दिया धन्यवाद

राजनाथ सिंह ने पूरे विश्व में कोरोना का खतरा होने के बावजूद भारत आने के लिए आस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री को धन्यवाद दिया, साथ ही दोनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सभी देशों के लिए समान अवसरवादी, मुक्त, खुला और नियम आधारित रखने की संभावनाओं पर भी बात की।

उन्होंने वार्ता को ‘सार्थक’ करार देते हुए कहा कि ‘बैठक के दौरान हमने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के साथ-साथ क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। हमारी चर्चा का मुख्य केंद्र द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने, सैन्य संपर्क विस्तार, रक्षा सूचनाओं की साझेदारी को बढ़ाने, उभरती रक्षा प्रौद्योगिकी और आपसी लॉजिस्टिक मदद में सहयोग रहा।‘

उन्होंने आगे बताया कि ‘दोनों पक्षों ने रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में साथ में मिलकर काम करने पर भी चर्चा की। दोनों ही देशों ने इन क्षेत्रों में नए उपकरणों के उत्पादन और विकास के लिए द्विपक्षीय सहयोग पर सहमति जताई।‘ राजनाथ सिंह ने कोरोना के खिलाफ जंग में आस्ट्रेलिया की तरफ से की गई मदद का भी जिक्र किया।

द्विपक्षीय बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र रहेगा प्रमुख मुद्दा

आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मैरिस पायने भी इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए नई दिल्ली पहुंच गई हैं। उनकी मेजबानी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की। पीटर को गार्ड ऑफ ऑनर का सम्मान भी दिया गया। शनिवार को सबसे पहले भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ उनकी द्विपक्षीय वार्ता होगी। उसके बाद ‘टू प्लस टू’ वार्ता में शामिल होंगी। पायने ने देर शाम में आयोजित किए गये एक सेमिनार में कहा कि ‘यदि आस्ट्रेलिया के रणनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो भारत सबसे मुख्य देशों में से एक है।‘

उन्होंने आगे कहा कि ‘दोनों देशों के बीच रिश्ते बिल्कुल सही दिशा में अग्रसर हैं।‘ उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से बताया कि ‘शनिवार को होने वाली द्विपक्षीय बैठक का मुख्य मुद्दा हिंद-प्रशांत क्षेत्र होगा। साथ ही क्वाड देशों के बीच आपसी सहयोग के मुद्दे पर भी बातचीत की जाएगी।‘ उन्होंने क्वाड के बारे में बताया ‘कि क्वाड एक नए तरह का गठबंधन है और इसे किसी खास देश को ध्यान में रखकर नहीं बनाया गया है।‘

क्या है क्वाड?

क्वाड यानी ‘क्वाड्रीलैटरल सिक्टोरिटी डायलॉग’, चार देशों (भारत, अमेरिका, जापान एवं आस्ट्रेलिया) का एक समूह है, जिसका उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति की स्थापना और शक्ति संतुलन है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए इन देशों के शीर्ष नेताओं के बीच बैठक भी इसी महीने आयोजित करने की योजना को लेकर भी चर्चा हो रही है।

राजनयिक सूत्रों के अनुसार ‘प्लस टू प्लस’ संवाद के दौरान दोनों देश अफगानिस्तान के हालात पर और वहाँ शांति की स्थापना के संबंध में भी अपने विचार साझा कर सकते हैं, साथ ही द्विपक्षीय रक्षा व रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने पर भी बात कर सकते हैं।

इसके अलावा भारत और आस्ट्रेलिया के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता और उसकी चालों को देखते हुए इस क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर भी बातचीत करने की उम्मीद जताई जा रही है।

साथ ही अन्य समुद्री रास्तों की सुरक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करना भी वार्ता का दूसरा मुद्दा होगा। पिछले कुछ वर्षों में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच रक्षा और सैन्य सहयोग बढ़ता हुआ दिखाई दिया है, जिसे और मजबूत बनाने की दिशा में उठाए जाने वाले रणनीतिक कदमों पर विस्तार से चर्चा होगी।

तालिबान का उदय भारत के लिए गंभीर सुरक्षा चिंता : राजनाथ

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार रक्षामंत्री पीटर डटन से बातचीत के दौरान कहा कि ‘तालिबान का उदय होना, भारत और हिंद प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा के लिहाज़ से चिंतनीय है, क्योंकि अफगानिस्तान में कब्जा कर चुके तालिबान की हरकतों के विस्तार के लिए उसे और मदद मिलने की संभावनाओं में बढ़ोत्तरी हो सकती है।‘