Farrey Review: अलीजेह ने किया चौंकाने वाला डेब्यू, सलीम खान को नातिन से मिला बेस्ट बर्थडे गिफ्ट
Farrey Review: फिल्म इंडस्ट्री की एक बड़ी दिक्कत ये है कि यहां स्टार ज्यादा है एक्टर कम और स्टार किड्स तो बचपन से ही स्टार होते हैं, तैमूर और जैह के पोछे पैदा होने के साथ ही राजी लग जाते हैं. ऐसे में कोई स्टार किड जब अच्छा एक्टर भी निकल जाता है तो बात चौकाने वाली हो जाती है और वो एक्टर सलमान खान के परिवार से हो तो फिर झटका और बड़ा लगता है और इस बार ये झटका बड़ा मजेदार है पर अच्छी फिल्म है सलमान की भांजी अलीजे इसकी जान है जब ट्रेलर देखा था और सुना था किरातमान की भाजी तय हो रही है जो उम्मीद बिल्कुल नहीं थी कि कोई अच्छी फिल्म होगी लेकिन यहां तो मामला उल्टा पड़ गया
Farrey Review: कैसी है फिल्म
फिल्म के नाम से लगा था कि बयां बनेगी लेकिन यहां स्कूल भी हाईटेक है एकताम भी हाईटेक है और चीटिंग भी हाईटेक तरीके से होती है. आप सोच में पड़ जाते हैं कि अरे ऐसा हमारे जमाने में तो सोचा भी नहीं जा सकता था. शुरू से फिल्म आपको बाथ लेती है स्कूल के बच्चों के किरदारों के साथ आप जुड़ जाते है. स्कूल में गरीब और अमीर बच्चों का फर्क आप साफ देख सकते हैं फिल्म में एक के बाद एक टूट जाते है जिससे आप बिल्कुल नहीं होता रहता है कि आगे क्या होगा. फिल्म करीब दो घंटे है और बिलकुल खींची नहीं गई है और एड में एक मैने भी देती है जो ऐसी फिल्म के जरिए देना जरूरी था वर्ना चीटिंग जैसी खराब चीज भी प्रमोट हो जाती है.
Farrey Review: एक्टिंग
सलमान खान की भाजी अतीजे मेन लीड में है और कहना होगा कि वो इस खानदान की बेस्ट एक्ट्रेस का किसी जय स्टोरी से भी हो सकता था लेकिन ऐसी फिल्म चुनी गई ये भी कमाल की बात है और अली जेह से कमाल का काम भी किया है जहां वो कमाल के तरीके से चीटिंग करवाती है जहां वो बताती करीबी की वजह से उनकी मां उन्हें छोड़कर चली गई वहां बी अनालय के लिए कुछ भी करना चाहती हैं हर जगह उनके एक्स्प्रेशन, उनकी लोग डिलीवरी जबरदस्त है वो आंखों से भी एक्टिंग करती है और उनकी चुप्पी भी लोग बोल जाती है।
उन्हें पकीनन इस साल बेस्ट डेब्यू का अनि चाहिए प्रसा बिष्ट ने उस अमीर लड़की का किरदार निभाया है जो की मदद से नंबर जाती है और ये नंबर उसे इसलिए चाहिए कि पापा उसे उनके इंटेलिजेंट बेटे से कम ना समझे उसे तो पढ़ाई समझ नहीं आती इस किरदार में प्रसजा कमाल है उनका किरदार से रोह भी लेता है और इसे बखूबी निभाती है जैन शॉ का किरदार भी जबरदस्त है, साहिल मेहता ने भी कमाल का काम किया है रोनित रॉय और जूही बबर अनाथालय चलाते हैं और दोनों का काम काबिले तारीफ है.
डायरेक्शन
सोमेंद्र पाढ़ी ने फिल्म को डायरेक्ट किया है वो बुधिया सिंह बॉर्न टूरन जैसी फिल्म बना चुके है जामताड़ा जैसी देब सीरीज बना चुके है. उनका डायरेक्शन अच्छा है वो कहानी को सही और सटीक तरीके से कह पाए किरदारों ने कमाल का काम करवा पाए है.
कास्टिंग
फिल्म के ज्यादातर किरदार स्टार नहीं है लेकिन आप उनसे जुड़ते हैं और इसका क्रेडिट जाता है कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा को जिन्होंने एक बार फिर दिखा दिया है कि कास्टिंग में उनके जैसा पारसी कोई नहीं है किस किरदार को कहां फिट करना है ये का जनमे जबदस्त है और फरें में भी दिखती है
कुल मिलाकर ये फिल्म देखी जानी चाहिए इसलिए भी कि ये एक अच्छी फिल्म और इसलिए भी कि स्टार किड्स भी अच्छी एक्टिंग कर सकते हैं तो जो करना है उसे मौका जरूर मिलना चाहिए।
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