
घटना 2 दिन पहले की है जब एसएससी ऑफिस पर बहू ने ससुर की चप्पलों से जमकर पिटाई कर डाली। हंगामा हुआ और मौके पर पुलिस बल ने झगड़े को शांत कराकर बहू और ससुर दोनों पर कार्रवाई करते हुए मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। दोनों की तरफ से थाना सदर बाजार में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। घटना के वक्त का वीडियो सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है।
डॉक्टर हरिनारायण ने ससुर का मेडिकल किया गया, जिस व्यक्ति के कोई चोट नहीं थी। उसके गंभीर चोट दिखाई गई और 3 दिन तक मथुरा के जिला अस्पताल में एडमिट किया गया। और फिर हालत गंभीर दिखाते हुए आगरा मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया।
घटना के वीडियो में साफ देखा गया कि किस तरह की मारपीट हुई और मारपीट के बाद ससुर की हालत क्या थी।
पीड़िता पिंकी ने पत्र लिखकर सीएमएस,सीएमओ, DM, SSP से पूरे मामले की जांच कर कराकर डॉक्टरों की टीम गठित कर पुनः ससुर कैलाश चंद्र पाठक मेडिकल कराने की मांग की है।
बताया जा रहा है कि ससुर कैलाश चंद पाठक को कुछ समय पहले एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर जेल भेजा था। कैलाश चंद पाठक शिक्षा विभाग में बाबू के पद पर तैनात हैं।
पीड़िता ने आरोप लगाया है कि धनपाल के प्रभाव पर ससुर कैलाश चंद पाठक ने फर्जी तरीके से छोटे दिखाकर उसे फंसाने के लिए खुद को अस्पताल में एडमिट कराया। इसके बाद हायर सेंटर आगरा रेफर कर दिया। घटना के दौरान कोई गंभीर चोट नहीं लगी थी।
सीएमएस मुकुंद बंसल का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। अगर इस तरह का कृत्य जिला अस्पताल में किया जा रहा है तो बात ही बहुत ही निंदनीय है। इससे न्याय व्यवस्था भी प्रभावित होती है। शिकायत मिलते ही कठोर कार्रवाई की जाएगी और शासन को पत्र लिखकर अवगत कराया जाएगा।
इस दौरान डॉ हरिनारायण की कार्यशैली सवालों के घेरे में है कि किस तरह एक सामान्य व्यक्ति जिसके पेमेंट नहीं थी। उसे गंभीर चोट दिखा दी गई। उसे एडमिट कर उसके बाद हायर सेंटर आगरा रेफर कर दिया।
ये भी पढ़ें: बस्ती: गोली चलने से गूंजा ब्लॉक परिसर, मची भगदड़