Advertisement

Sidhu Moose Murder : एक छोटे से सुराग ने खोली सिद्धुमूसेवाला हत्याकांड की परतें

Share
Advertisement

नई दिल्ली। अपराध में इस्तेमाल किए गए वाहन में मिले एक छोटे से सुराग ने पंजाब पुलिस को गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या से पहले के घटनाक्रम को उजागर करने में बड़ी मदद की है। इसके सहारे पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस अपराध में शामिल चार शूटरों की भी पुलिस ने पहचान कर ली है। सिद्धू मूसेवाला, जो 29 मई को शाम लगभग पांच बजे दो व्यक्तियों- गुरविंदर सिंह (पड़ोसी) और गुरप्रीत सिंह (चचेरे भाई) के साथ अपने घर से निकले थे, की कुछ अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस समय मूसेवाला अपनी महिंद्रा थार गाड़ी चला रहे थे। तुरंत कार्रवाई करते हुए, मूसेवाला के हत्यारों को सलाखों के पीछे डालने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एडीजीपी एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) की देखरेख में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।

Advertisement

एडीजीपी ने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और अन्य गैंग के बाकी सदस्यों के साथ सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में आरोपी और साजिशकर्ता नामजद किया गया है। उन्होंने बताया कि एडीटीएफ और एसआईटी केंद्रीय एजेंसियों और अन्य राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही हैं और जल्द से जल्द इस हत्याकांड में शामिल रहे संदिग्ध शूटरों और अन्य को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

ऐसे खुलीं घटना की परतें

अहम सुरागों में से एक बोलेरो कार, जिसका अपराध में इस्तेमाल किया गया था, उसमें फतेहाबाद के एक पेट्रोल पंप की ईंधन रसीद (दिनांक 25 मई, 2022) की बरामद हुई। बाद में इस बोलेरो कार को लगभग 13 किमी दूर ख्याला गांव के पास छोड़ दिया गया था। एजीटीएफ के एडीजीपी ने बताया कि उसी दिन सीसीटीवी फुटेज इकट्ठा करने के लिए एक पुलिस टीम को तुरंत फतेहाबाद के पेट्रोल स्टेशन पर भेजा गया था। उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने हासिल की सीसीटीवी फुटेज से एक व्यक्ति जो संभवत: शूटर था, की पहचान कर ली। बाद में इसकी पहचान सोनीपत के प्रियव्रत के रूप में हुई। पेट्रोल पंप पर डीजल भरने से पहले और बाद में बोलेरो के मार्ग के सीसीटीवी फुटेज भी प्राप्त किए गए। इसी तरह, बोलेरो के ईंजन नंबर और चेसिस नंबर के आधार पर इसके मालिक का भी पता लगाया गया।

उन्होंने आगे बताया कि पुलिस ने अपराध में संलिप्त महिंद्रा बोलेरो, टोयटा कोरोला और सफेद आल्टो कार समेत सभी वाहनों को बरामद कर लिया है। वारदात के दौरान क्षतिग्रस्त हुई टोयटा कोरोला को हमलावरों ने खार बरनाला गांव की तरफ भागते हुए हथियारों के दम पर एक सफेद आल्टो कार छीनी थी। इस सफेद आल्टो कार को भी 30 मई तो दोपहर 3.30 बजे मोगा जिले में धर्मकोट को निकट वीरान जगह से बरामद कर लिया गया था। इससे आरोपियों के भागने के मार्ग की सीसीटीवी से पहचान कर ली गई थी।

गिरफ्तार किए लोगों की यह थी भूमिका

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, जिसे तिहाड़ जेल दिल्ली से प्राडक्शन वारंट पर लाया गया था, की गिरफ्तारी के अलावा इस हत्याकांड में नौ अन्य लोगों- बठिंडा के बलिराम नगर का चरणजीत सिंह उर्फ चेतन, सिरसा (हरियाणा) का संदीप सिंह उर्फ केकड़ा, बठिंडा के तलवंडी साबो का मनप्रीत सिंह उर्फ मन्ना, फरीदकोट के धाईपाई का मनप्रीत भाऊ, अमृतसर के गांव डोडे कलसिया का सरज मिंटू, हरियाणा के तख्त-माल का प्रभदीप सिद्धू उर्फ पब्बी, सोनीपत के गांव रेवली का मोनू डागर, फतेहाबाद के निवासी पवन बिश्नोई और नसीब, को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन सभी को साजिश रचने, रसद सहायता प्रदान करने, रेकी करने और निशानेबाजों को पनाह देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

एडीजीपी ने बताया कि कोरोला कार का रजिस्ट्रेशन नंबर असली पाया गया और मालिक की पहचान भी कर ली गई। लेकिन जिस व्यक्ति के नाम पर खरीद का शपथ पत्र बरामद किया गया, वह वास्तविक मालिक नहीं था, बल्कि उसने मनप्रीत मन्ना को अपना आधार कार्ड दिया था। यह गोल्डी बराड़ से जुड़ा गैंगस्टर फिरोजपुर जेल में बंद है। उन्होंने बताया कि मनप्रीत भाऊ, जिसे कोरोला कार के इस्तेमाल के संदेह में उत्तराखंड के चमोली से 30 मई को गिरफ्तार किया गया था, ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने मनप्रीत मन्ना के निर्देश पर दो संदिग्ध शूटरों, मोगा के मुन कुश और अमृतसर के जगरूप सिंह उर्फ रूपा को डिलीवर की थी। उसने यह भी बताया कि यह शूटर सरज मिंटू द्वारा मुहैया कराए गए थे, जो गोल्डी बराड़ और सचिन थापन का करीबी है और माना जाता है कि वह शूटरों के ग्रुप के हिस्सा है।

प्रभदीप सिद्धू उर्फ पब्बी, जिसे 3 जून को गिरफ्तार किया गया, ने पूछताछ में बताया कि उसने गोल्डी बराड़ को दो साथियों को पनाह दी थी, जिन्हें सिद्धू मूसेवाला के घर की रेकी करने में भी उसने मदद की थी। पब्बी ने यह भी खुलासा किया कि वह खुद भी मूसेवाला के घर गया और वहां सुरक्षा प्रबंध और कैमरों आदि की स्थिति का उसने पता लगाया था।

एडीजीपी ने आगे बताया कि भरोसेमंद सूत्रों से मिले इनपुट के आधार पर गोल्डी बराड़ और लारेंस बिश्नोई के करीबी साथी मोनू डागर को प्राडक्शन वारंट पर लिया गया था। पूछताछ के दौरान, उसने माना कि उनसे गोल्डी बराड़ के निर्देश पर सोनीपत निवासी दो शूटरों प्रियवर्त और अंकित के लिए प्रबंध किए थे। उसने यह भी खुलासा किया कि फतेहाबाद निवासी पवन बिश्नोई और नसीब दोनों ने सादुर शहर से सफेद बोलेरो जीप की व्यवस्था की थी और बाद में उसे बठिंडा के केशव नाम व्यक्ति के जरिए शूटरों के हवाले कर दिया था। डागर ने इन शूटरों को छिपने में भी मदद की थी।

संदीप केकड़ा, जिसे 6 जून को गिरफ्तार किया गया, ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उसका भाई कलियांवाली का बिट्टू ने, सिरसा के तख्त मल के निक्कू के साथ मूसेवाला के घर की रेकी की थी। उसने यह भी बताया कि 29 मई को उसके भाई बिट्टू ने उसे निक्कू के साथ मोटरसाइकिल पर मूसेवाला के घर उनका फैन बनकर जाने को कहा। उसने यह भी माना कि उसने निक्कू के मोबाइल फोन से मूसेवाला के साथ सेल्फी भी ली और बाद में सचिन थापन को वीडियो काल करके मूसेवाला के घर से? निकलने की पूरी जानकारी दी, जिसमें बताया कि मूसेवाला काले रंग की थार जीप की ड्राइवर सीट पर है और उसके साथ कोई सुरक्षाकर्मी नहीं है।

एडीजीपी ने कहा कि अब तक की जांच में यह साफ हो गया है कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी लारेंस बिश्नोई और कनाडा में छिपे गोल्डी बराड़, सचिन थापन, अनमोल बिश्नोई और विक्रम बराड़ (इस समय दुबई में) के इशारे पर काम कर रहे थे। इन गैंगस्टरों ने वारदात के बाद खुलेआम फेसबुक पेज के जरिए हत्या की जिम्मेदारी ली।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *