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Killer Soup Review: मनोज बाजपेयी और कोंकणा सेन शर्मा की सीरीज Killer Soup ने जीता लोगों का दिल

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Killer Soup Review: नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज ‘किलर सूप’ की कहानी काफी अलग है। अभिषेक चौबे ने इस क्राइम थ्रिलर की रेसिपी में मनोज बाजपेयी के डबल रोल और कोंकणा सेनशर्मा की एक्टिंग का तड़का लगाया है। ये तड़का ‘किलर सूप’ के स्वाद को दोगुना कर देता है। हालांकि, रेसिपी में कुछ चीजें ऐसी भी हैं जो सूप का मजा किरकिरा कर देती हैं। आइए जानते हैं ‘किलर सूप’ को स्वादिष्ट बनाने और मजा खराब करने वाली चीजों के बारे में।

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Killer Soup Review: कुछ ऐसी है वेब सीरीज की कहानी

प्रभाकर शेट्टी (मनोज बाजपेयी द्वारा निभाया गया पहला किरदार) और स्वाति शेट्टी (कोंकणा सेन शर्मा) तमिलनाडु के मेनजुर में रहते हैं। प्रभाकर शेट्टी और स्वाति शेट्टी एक-दूसरे से अपने-अपने रहस्य छिपाने की कोशिश करते हैं। शादी के 20 साल बाद स्वाति, प्रभाकर से नाखुश रहने लगती हैं और अपने एक्स-बॉयफ्रेंड उमेश पिल्लई (मनोज बाजपेयी द्वारा निभाया गया दूसरा किरदार) के साथ अवैध संबंध बनाती हैं। जब प्रभाकर को स्वाति के इस अवैध संबंध का पता चलता है तब वह स्वाति को जान से मारने की कोशिश करता है। हालांकि, इस दौरान कुछ ऐसा होता है कि प्रभाकर की ही जान चली जाती है। दिलचस्प बात ये है कि कहानी यहां खत्म नहीं होती है बल्कि यहां से शुरू होती है।

Killer Soup Review: कोंकणा की अद्भुत एक्टिंग

कोंकणा सेन ने बहुत ही अद्भुत काम किया है। उन्होंने अपनी तरफ से अपना बेस्ट दिया और अपनी एक्टिंग के जरिए ‘किलर सूप’ की कहानी को रोचक बनाया। हालांकि, उनका किरदार और मजेदार बन सकता था अगर लेखक कहानी में ये भी दिखाते कि स्वाति (कोंकणा) और प्रभाकर (मनोज बाजपेयी का पहला किरदार) की मुलाकात कब और कैसे हुई? स्वाति अपने बॉयफ्रेंड उमेश (मनोज बाजपेयी का दूसरा किरदार) को छोड़कर प्रभाकर के पास क्यों गई और उनका इरादा क्या था?

Killer Soup Review: मनोज बाजपेयी ने कर डाली ये बड़ी गलती

कोंकणा सेन ने जहां अपनी एक्टिंग से खुश किया। वहीं मनोज बाजपेयी ने निराश किया। नहीं, अपनी एक्टिंग से निराश नहीं किया बल्कि इस रोल का चुनाव करके निराश किया है। दरअसल, कहने के लिए इस वेब सीरीज में उनका डबल रोल है। लेकिन, असल में उनके दोनों किरदार कुछ करते दिखाई नहीं देते हैं। सारा खेल कोंकणा द्वारा निभाया गया किरदार खेलता है। वहीं मनाेज का किरदार इसमें उनकी मदद करता है।

बेहतरीन सिनेमैटोग्राफी

सयाजी शिंदे, नासर, कनि कुश्रुति और अनुला नावलेकर ने वेब सीरीज में काफी अच्छा काम किया है। हालांकि, 45 मिनट के आठ एपिसोड की इस कहानी में इन किरदारों के बारे में ज्यादा नहीं दिखाया गया जिसकी वजह से कहीं न कहीं डेप्थ की कमी नजर आती है। लेकिन, ‘किलर सूप’ की सिनेमैटोग्राफी बहुत ही अच्छे तरीके से की गई है। पूरी वेब सीरीज में कहानी के साथ-साथ तमिलनाडु के मेनजुर की खूबसूरती को काफी सुंदर तरीके से दिखाया गया है।

देखें या नहीं?

‘किलर सूप’ में तमिल, इंग्लिश और हिंदी भाषा का इस्तेमाल किया गया है। ऐसे में दर्शकों का ध्यान बार-बार भटकने लगता है। एक दम से उन्हें स्क्रीन से अपनी आंखें हटाकर कैप्शन की तरफ ले जानी पड़ती हैं। यदि आपको ये तीनों भाषा आती हैं तो आप ये वेब सीरीज देख सकते हैं। हालांकि, इस क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज में थ्रिलर जैसा कुछ नहीं है। बस एक के बाद एक क्राइम होते जाते हैं और कहानी आगे बढ़ते जाती है। लेकिन, आप तमिलनाडु की खूबसूरती और कोंकणा सेन के लिए ये वेब सीरीज देख सकते हैं।

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