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जन्मदिन: प्रेम चोपड़ा मना रहे हैं अपना 86वां जन्मदिन, आइये जानते हैं उनकी कुछ खास बातें

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बॉलीवुड। ‘प्रेम नाम है मेरा’ के डायलॉग से पहचाने जाने वाले बॉलीवुड के आइकॉनिक विलेन प्रेम चोपड़ा का आज जन्मदिन है। असली अभिनेता वही है जो फिल्म में निभाए किरदार से लोगों के दिलो-दिमाग पर छा जाए और विलेन के रूप में प्रेम चोपड़ा की जीवंत अदाकारी लोगों पर इतनी छाई कि वो लोग उन्हें सच में बुरा मान बैठे थे। लोगों को उनके नाम से ही डर लगने लगा था। उन्होंने हिंदी फिल्मों में ख़ूब नाम कमाया और ऊंचाई की बुलंदियों को छूआ। अपने पूरे करियर में उन्होंने 250 से अधिक रेप सीन्स किए हैं।

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पिता अफसर के रूप में देखना चाहते थे बेटे को

आज प्रेम चोपड़ा का 86वां जन्मदिन है। उनका जन्म 23 सितंबर 1935 को लाहौर में हुआ था। 1947 में देश के बंटवारे के बाद प्रेम चोपड़ा का परिवार शिमला में रहने लगा। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शिमला में ही हुई। प्रेम के पिता उन्हें अधिकारी के रूप में देखना चाहते थे, लेकिन उन्हें लोकप्रियता फिल्मों में काम करने से मिली।

पंजाबी फिल्मों में भी किया काम

प्रेम चोपड़ा का फिल्मी सफर 1960 में फिल्म ‘मुड़ मुड़ के न देख’ से शुरू हुआ था। हालांकि ये फिल्म अधिक कमाई नहीं कर सकी। इसके बाद प्रेम चोपड़ा ने पंजाबी फिल्मों की ओर मुड़ गये। 

उन्होंने ‘हम हिंदुस्तानी’, ‘वो कौन थी?’, ‘शहीद’, ‘मेरा साया’, ‘प्रेम पुजारी’, ‘पूरब’ और पश्चिम’, ‘कटी पतंग’, ‘दो अनजाने’, ‘काला सोना’, ‘दोस्ताना’, ‘क्रांति’, ‘जानवर’, ‘फूल बने अंगारे’, ‘महबूबा’ आदि कई फिल्मों में बेहतरीन अदाकारी की। 

जब झेलना पड़ा उन्हें हीरोइन का गुस्सा

प्रेम चोपड़ा ने बहुत सी फिल्मों में रेप सीन फिल्माए, लेकिन एक बार एक सीन के बार-बार रीटेक देने से उन्हें हीरोइन का गुस्सा भी झेलना पड़ा था। दरअसल एक फिल्म के सीन में प्रेम चोपड़ा को पीछे से आकर हीरोइन को दबोचना था। प्रेम चोपड़ा अपने किरदार को निभा रहे थे, लेकिन हीरोइन के चेहरे पर सही भाव नहीं आ रहे थे, जिसके लिए उन्हें कई रीटेक देने पड़े थे।

आखिरकार जब सीन शूट हो गया तो हीरोइन ने निर्देशक से प्रेम चोपड़ा की शिकायत कर दी। इसी फिल्म में हीरोइन द्वारा प्रेम को थप्पड़ मारे जाने का भी एक सीन शूट होना था। इस सीन में हीरोइन ने प्रेम को इतनी जोर से थप्पड़ मारा कि शूटिंग सेट पर मौजूद सभी लोग चौंक गए।

लोगों का अपनी पत्नियों को मुझसे छिपाया जाना मेरे किरदार का ही असर था

विलेन का रोल चुनने को लेकर एक बार पूछे गए एक सवाल के जवाब में चोपड़ा ने कहा था कि ‘मैं हीरो बन नहीं पाया, तो किस्मत ने मुझे विलेन बना दिया। लेकिन मैं खुश हूँ कि उस दौर में फिल्मों को हिट कराने में विलेन का भी बड़ा योगदान हुआ करता था। साथ ही लोग मेरे डायलॉग को कई सालों तक याद रखते थे। लोग अपनी पत्नियों को मुझसे छुपा लिया करते थे, ताकि उनके साथ मैं कोई गलत हरकत ना कर दूं। ये मेरे द्वारा निभाए गए किरदार का ही असर था, जो मेरे लिए एक तरह से कांम्प्लीमेंट ही है।

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