ED ने फोन टैपिंग मामले में पूर्व एनएसई प्रमुख रवि नारायण को किया गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध फोन टैपिंग मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के पूर्व प्रमुख रवि नारायण को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी ने रवि नारायण को दिल्ली में पूछताछ के लिए तलब किया था।
सूत्रों का कहना है कि ईडी अधिकारियों द्वारा की गई जांच के दौरान रवि नारायण सहयोग नहीं कर रहे थे और उनके खिलाफ सबूतों के आधार पर उन्हें मंगलवार की शाम को गिरफ्तार कर लिया गया था। तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि नारायण वर्ष 1994 से 2013 के बीच विभिन्न पदों पर एनएसई से जुड़े रहे।
इससे पहले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में ईडी ने एक अन्य एनएसई प्रमुख चित्रा रामकृष्ण से भी पूछताछ की थी। वह पहले से ही जांच एजेंसी की हिरासत में है।
ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी। इस मामले में, जांच एजेंसी ने नई दिल्ली स्थित आईएसईसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, संतोष पांडे, आनंद नारायण, अरमान पांडे, मनीष मित्तल, नमन चतुर्वेदी (तत्कालीन वरिष्ठ सूचना सुरक्षा विश्लेषक) सहित अधिकारियों और निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
जिसमें मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे, एनएसई के पूर्व प्रमुखों रवि नारायण, चित्रा रामकृष्ण, रवि वाराणसी (तत्कालीन कार्यकारी उपाध्यक्ष), महेश हल्दीपुर (तत्कालीन प्रमुख परिसर) और अन्य अज्ञात व्यक्ति शामिल हैं।
एनएसई कर्मचारियों के टेलीफोन को अवैध रूप से बाधित करने के संबंध में गृह मंत्रालय के एक संदर्भ के बाद मामला दर्ज किया गया था। कथित तौर पर शीर्ष प्रबंधन द्वारा 2009 से 2017 तक आरोपी निजी कंपनी की मिलीभगत से अपराध को अंजाम दिया गया था।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम के तहत सक्षम अधिकारियों से टेलीफोन को इंटरसेप्ट करने की कोई अनुमति नहीं ली गई थी।