केजरीवाल न आएं तो नहीं मिलेंगी ‘नई रेवड़ियां’, टूटेंगी उम्मीदें

Delhi Assembly Elections 2025 :

Delhi Assembly Elections 2025 : केजरीवाल न आएं तो नहीं मिलेंगी ‘नई रेवड़ियां’, टूटेंगी उम्मीदें

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Delhi Assembly Elections 2025 : दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान से पहले कयासों का दौर शुरू हो चुका है। पोल पंडित अनुमान लगाकर भी अनुमान नहीं बता पा रहे हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार बनी रहेगी, प्रचंड बहुमत से वापसी करेगी या फिर मामूली बहुमत भी नहीं मिलेगा, आम आदमी पार्टी नहीं तो कौन? जैसे सवालों को बनाया भी जा रहा है और उसका जवाब देने की कोशिश भी हो रही है। मगर, इन सवालों के बीच जो सवाल महत्वपूर्ण है वह यह कि आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं आयी तो क्या होगा? तत्काल फ्री की सुविधाएं रहेंगी या नहीं रहेंगी, किसी को नहीं पता। मगर, वो बड़ी घोषणाएं जो आम आदमी पार्टी ने कर रखी है उस पर अमल तो कतई नहीं होगा। ऐसा होने पर हर दिल्लीवासी को हजारों रुपये प्रति माह का नुकसान हो सकता है। उनकी उम्मीदें टूटेंगी।

केजरीवाल का बेरोजगारी हटाने का वादा

केजरीवाल की गारंटी नाम से जो 15 घोषणाएं आम आदमी पार्टी ने की है उनमें पहले नंबर पर है रोजगार। दिल्ली में कोई बेरोजगार नहीं रहना चाहिए- ऐसा संकल्प अरविन्द केजरीवाल ने दिखाया है। किसी दूसरी पार्टी ने रोजगार को लेकर इतना बड़ा भरोसा नहीं दिलाया है। अगले पांच साल में दिल्ली से बेरोजगारी खत्म करने का जज्बा अरविन्द केजरीवाल के अलावा दिल्ली में किसी नेता नहीं दिखलाया है। अगर आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं बनी तो बेरोजगारों के लिए उम्मीद खत्म हो जाएगी।

महिला सम्मान योजना से दिल्ली की जनता को बहुत उम्मीद है जिसके तहत आम आदमी पार्टी ने 2100 रुपये महीना देने का वादा किया है। ऐसा वादा बीजेपी और कांग्रेस ने भी किया है और उन्होंने इससे कहीं ज्यादा 2500 रुपये महीना देने का भरोसा दिलाया है। मगर, दिल्ली की महिलाएं जानती हैं कि महिलाओं को सबसे ज्यादा सहूलियत देने वाली सरकार आम आदमी पार्टी की रही है। अरविन्द केजरीवाल महिलाओं में काफी लोकप्रिय रहे हैं। बीते विधानसभा चुनावों में भी 60 फीसदी महिलाओं ने आम आदमी पार्टी को वोट किया था। अगर इस बार किसी वजह से आम आदमी पार्टी सत्ता में नहीं आ सकी तो सबसे पहले महिलाएं ही अपनी उम्मीदों पर पानी फिरा हुआ पाएंगी।

उम्मीद में हैं बुजुर्ग

संजीवनी योजना से बुजुर्गों को बहुत उम्मीद है। बीमार बुजुर्ग अपने परिवारों पर बोझ बन जाते हैं और उनके लिए इलाज की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। आयुष्मान योजना दिल्ली में है नहीं और रहता भी तो पांच लाख तक का ही इलाज हो पाता और वह भी तमाम तरह की शर्तों के साथ। दिल्ली सरकार ने सभी बुजुर्गों के लिए अनलिमिटेड इलाज वाली संजीवनी योजना का भरोसा दिया है। सरकारी या निजी किसी भी अस्पताल में चंगा होने तक इलाज कराने की पुख्ता व्यवस्था से बुजुर्गों को बहुत उम्मीद है। आम आदमी पार्टी के अलावा किसी और पार्टी ने ऐसा भरोसा नहीं दिया है। इसलिए बुजुर्गों की उम्मीदें टूट जाएंगी अगर आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं आती है।

मॉडल टाउन के पार्क में टहलते मिले 82 साल के बुजुर्ग सत्यदेव चौधरी। उन्होंने कहा “दिल्ली में बुजुर्गों के लिए क्या है कौन है? कंप्लीट इलाज कराने का वादा केजरीवाल ने किया है। इससे भी बढ़कर कोई चीज होती है क्या? सारे बुजुर्गों और उनके परिवारों को चाहिए कि वे केजरीवाल को ही वोट दें।”

कोंडली की रहने वाली लता भगत बताती हैं कि पानी का जो गलत बिल आ रहा है उस पर राजनीति तो सभी कर रहे हैं। लेकिन, इकलौता आम आदमी पार्टी ही कह रही है कि सत्ता में आने पर वह गलत बिल को ठीक कराएंगे। कम से कम उम्मीद तो जगा रही है। लता का कहना है कि गलत बिल माफ होना चाहिए। पता नहीं क्यों बीजेपी और कांग्रेस क्यों इस पर चुप है?

गलती मानने वाले नेता कितने हैं?

दल्लुपुरा में रहने वाले सुमित अग्रवाल ने बताया कि यह सच है कि यमुना की सफाई नहीं हुई। मगर, अरविन्द केजरीवाल ने अपनी गलती मान ली है। सुमित अग्रवाल कहते हैं कि गलती मान लेने वाले नेता कम होते हैं। अब फिर से जीतने पर यमुना की सफाई करने, 24 घंटे साफ पानी देने और सड़कों को सही करने का भरोसा अरविन्द केजरीवाल दिला रहे हैं तो हमें उन पर यकीन करना चाहिए। यह पूछे जान पर कि अगर आम आदमी पार्टी सत्ता में नहीं आयी तो ये वादे कोई दूसरी पार्टी पूरी करेगी क्या, सुमित बताते हैं कि राहुल गांधी बोलते हैं कि वो यमुना साफ करने का वादा ही नहीं कर सकते। बीजेपी को हमने एमसीडी में देखा है कि कितनी नालियां साफ करा दीं, क्या सुविधाएं दे दीं। ऐसे में किसी और पर भरोसा नहीं होता। केजरीवाल नहीं आए तो हमारा भरोसा टूट जाएगा।

दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाली संगीता भारती नई दिल्ली में रहती हैं। सरकारी जॉब में है। वह कहती हैं कि दलितों के लिए कुछ नया न भी करें तो चलती योजनाओं से छेड़छाड़ ना हो। सीटें खाली ना रहें। नौकरियां निकले। डॉ अंबेडकर स्कॉलरशिप योजना के लिए संगीता भारती धन्यवाद देती हैं अरविन्द केजरीवाल को। वह कहती हैं कि अगर वे जीतकर नहीं आए तो उन्हें नहीं लगता कि कोई दूसरी पार्टी दिल्ली में डॉ अंबेडकर स्कॉलरशिप योजना को लागू करेगी।

छात्रों को मुफ्त सफर का इंतजार

दिल्ली के छात्रों में उत्साह है कि उनके लिए भी बस मे फ्री सफर होने वाला है। मेट्रो में आधा किराया लगेगा। मगर, इस उत्साह का सीधा संबंध अरविन्द केजरीवाल के सत्ता में लौटने से है। मुखर्जी नगर में रहने वाले बिहार के रहने वाले मुकुन्द बिहारी अपने साथियों के बीच कहते हैं हम तो मान कर चल रहे हैं कि केजरीवाल आ रहा है। नहीं आने का कोई सवाल ही नहीं है। हम बस और मेट्रो में फ्री और रियायती दर पर सफर की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

पंडितों और ग्रंथियों को सम्मान राशि का इंतजार है तो किराएदार भी मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली की गारंटी की बाट जोह रहे हैं। सीवर ठीक होने से लेकर आरडब्ल्यूए में प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की व्यवस्था के लिए लोग आम आदमी पार्टी का जीतकर आना जरूरी मानते हैं। ऑटो चालकों में भी उम्मीद है कि उनके बच्चो को फ्री कोचिंग, उनके लिए 10 लाख का लाइफ इंश्योरेंस और 5 लाख का दुर्घटना बीमा होगा। लेकिन, ऐसा तभी हो सकेगा जब अरविन्द केजरीवाल की सरकार आएगी। कनाट प्लेस में होने वाली टीवी और सोशल मीडिया की चर्चा में रुचि लेने वाले ऑटो चालक वीरेंद्र पासवान कहते हैं कि “थोड़ा मुकाबला दिल्ली में कड़ा जरूर हो गया है। लेकिन, केजरीवाल जीत जाएगा। हम भी चाहते हैं कि वो जीते। हमलोगों का भला तो केजरीवाल ही कर सकता है।”

प्रेम शंकर सिंह, वरिष्ठ पत्रकार

यह जानकारी हिन्दी ख़बर से संबंधित नहीं है

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